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न महात्मा था, न राष्ट्रपिता, देशद्रोही था…गाँधी जी के अपमान पर भागवत कथावाचक पर केस मुक़दमा

  • January 5, 2022
  • 1 min read
न महात्मा था, न राष्ट्रपिता, देशद्रोही था…गाँधी जी के अपमान पर भागवत कथावाचक पर केस मुक़दमा

छत्तीसगढ़। रायपुर में कालीचरण महाराज के बाद भागवत कथा वाचक तरुण मुरारी बापू ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में तरुण मुरारी बापू ने महात्मा गांधी को देशद्रोही बताया है। नरसिंहपुर पुलिस ने उनके खिलाफ कई धाराओं नें मामला दर्ज किया है।

सोमवार को श्रीमद् भागवत कथा के दौरान तरुण मुरारी बापू ने कहा कि महात्मा गांधी न तो महात्मा हैं और न ही राष्ट्रपिता हो सकते हैं। जो देश के टुकड़े कर दे, वह राष्ट्रपिता कैसे हो सकता है? महात्मा गांधी ने जीते-जी देश के टुकड़े कर दिए। मैं उनका विरोध करता हूं। वह देशद्रोही है। कांग्रेस ने तरुण मुरारी बापू के बयान आने पर आपत्ति जताते हुए एसपी को ज्ञापन दिया। उनके खिलाफ स्टेशन गंज थाना में केस दर्ज किया गया है। हालांकि, केस दर्ज होने के बाद भी तरुण मुरारी अपनी बात पर कायम हैं।

नरसिंहपुर जिले की स्टेशनगंज थाने में मुरारी बापू के खिलाफ लोगों को भड़काने और शांति भंग जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। सब इंस्पेक्टर विजय सेन के मुताबिक यह मुकदमा यूथ कांग्रेस के नेता रोहित पटेल की शिकायत पर दर्ज किया गया है। वहीं रोहित पटेल ने एसपी विपुल श्रीवास्तव को तरुण मुरारी की गिरफ्तारी के लिए ज्ञापन भी दिया है। पटेल के मुताबिक तरुण मुरारी ने लोगों को गुमराह किया है। इसके लिए पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए। उन्होंने कहाकि तरुण मुरारी की बातों ने हमारी भावनाओं को आहत किया है। तरुण मुरारी ने देश के सबसे सम्मानित व्यक्ति का अपमान किया है। इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

पुलिस कप्तान विपुल श्रीवास्तव ने कहाकि पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। हम आयोजकों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। पुलिस जल्द ही तरुण मुरारी को गिरफ्तार करेगी। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहाकि प्रशासन को संतों के प्रति नरम रवैया अपनाना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहाकि संतों को भी सही शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने संतों के खिलाफ पुलिस के इस तरह के इस्तेमाल को गलत बताया। उन्होंने कहाकि एक तरफ राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेता टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थन करते हैं। वहीं जब एक संत अपने दिल की भावनाएं बयां कर रहा है तो क्या उसे बोलने का अधिकार नहीं? अलग-अलग लोगों के लिए अलग स्टैंडर्ड कांग्रेस नेताओं का राजनीतिक ढंग है।