विधानसभा में ‘पीईटीएन’ विस्फोटक मिलने से खलबली, NIA करेगा जांच
यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने की घटना के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सत्र के दौरान सुररक्षा व्यवस्था के मुद्दे को गंभीरता से रखा। सीएम योगी ने कहा, ये बेहद गंभीर मामला है और मुझे ये बात आज यहां रखनी पड़ रही है। सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं बल्कि सामूहिक है। उन्होंने कहा कि ये गंभीर प्रकरण है और क्या किसी एक व्यक्ति को खुश करने के लिए ये खतरा मोल लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा, सदन के सहयोग से सुरक्षा पर एक सहमति होनी चाहिए। हम सबको सुनिश्चित करना होगा कि सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी है। खासतौर पर जो चीजें दो-तीन दिन में हुई हैं उन्हें देखते हुए ये बहुत जरूरी है। ये सीधे विधानभवन की सुरक्षा में सेंध है और ऐसी शरारत करने वाले को कतई बख्शा नहीं जाएगा।
11 जुलाई को बजट सत्र शुरू हुआ। 12 जुलाई को भी सत्र चल रहा था। यहां विधायकों, मार्शलों और विधानभवन के कर्मचारियों को छोड़कर किसी को आने की अनुमति नहीं है। लेकिन नेता प्रतिपक्ष की सीट से तीसरे नंबर की सीट पर पुड़िया मिली। इसे एफएसएल को भेजा गया तो पता चला कि ये एक खतरनाक विस्फोटक है। उन्होंने बताया कि ये 150 ग्राम था, इसकी मात्रा काफी कम थी लेकिन इतना पीईटीएन विधानभवन को उड़ाने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा, आखिर ये साजिश कौन कर रहा है?
सीएम योगी ने कहा, ये विस्फोटक का तब तक पता नहीं लग सकता तब तक इसकी फिजीकली जांच न हो। डॉग स्क्वायड भी इसको नहीं सूंघ सका। ये खतरनाक साजिश है। कौन लोग इस साजिश में लगे हैं, इसका पर्दाफाश होना जरूरी है। इस पूरे प्रकरण की जांच NIA को सौंपनी चाहिए। सीएम ने कहा, जब हम एयरपोर्ट पर जाते हैं तो ये नहीं कहते कि हम चेकिंग नहीं करवाएंगे। अब हम सबको इस बारे में गंभीरता से लेना होगा। सीएम ने विधानसभा में आने को लेकर भी कुछ गाइडलाइन तय करने की बात कही। उन्होंने कहा कि विधायक लोग मोबाइल भी बाहर छोड़कर आएं या साइलेंट रखें। इससे गंभीरता भंग होती है। उन्होंने कहा कि सदन की सुरक्षा हमने कभी गंभीरता से नहीं लिया है। अगर यहां कोई आतंकी हमला हो जाए तो हमारे पास तो क्विक व्यवस्था नहीं है। सीएम ने सबसे अपील की कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए क्या किया जाए इस पर सबके मार्गदर्शन की जरूरत है।बता दें कि यूपी विधानसभा की सुरक्षा में भारी चूक सामने आई है। बुधवार को यहां मानसून सत्र के दौरान 60 ग्राम संदिग्ध पाउडर मिला। एफएसएल टीम ने जांच के बाद इसके विस्फोटक होने की पुष्टि की है। शुरुआती जांच में इस विस्फोटक के पीईटीएन होने की बात सामने आ रही है हालांकि कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ सिंह का कहना है कि पीईटीएन की पुष्टि नहीं हुई है, एटीएस की रिपोर्ट का इंतजार कर लें। वहीं मुख्यमंत्री ने भी विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि ये शक्तिशाली विस्फोटक पीईटीएन था।
11 जुलाई को बजट सत्र शुरू हुआ। 12 जुलाई को भी सत्र चल रहा था। यहां विधायकों, मार्शलों और विधानभवन के कर्मचारियों को छोड़कर किसी को आने की अनुमति नहीं है। लेकिन नेता प्रतिपक्ष की सीट से तीसरे नंबर की सीट पर पुड़िया मिली। इसे एफएसएल को भेजा गया तो पता चला कि ये एक खतरनाक विस्फोटक है। उन्होंने बताया कि ये 150 ग्राम था, इसकी मात्रा काफी कम थी लेकिन इतना पीईटीएन विधानभवन को उड़ाने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा, आखिर ये साजिश कौन कर रहा है?
सीएम योगी ने कहा, ये विस्फोटक का तब तक पता नहीं लग सकता तब तक इसकी फिजीकली जांच न हो। डॉग स्क्वायड भी इसको नहीं सूंघ सका। ये खतरनाक साजिश है। कौन लोग इस साजिश में लगे हैं, इसका पर्दाफाश होना जरूरी है। इस पूरे प्रकरण की जांच NIA को सौंपनी चाहिए। सीएम ने कहा, जब हम एयरपोर्ट पर जाते हैं तो ये नहीं कहते कि हम चेकिंग नहीं करवाएंगे। अब हम सबको इस बारे में गंभीरता से लेना होगा। सीएम ने विधानसभा में आने को लेकर भी कुछ गाइडलाइन तय करने की बात कही। उन्होंने कहा कि विधायक लोग मोबाइल भी बाहर छोड़कर आएं या साइलेंट रखें। इससे गंभीरता भंग होती है। उन्होंने कहा कि सदन की सुरक्षा हमने कभी गंभीरता से नहीं लिया है। अगर यहां कोई आतंकी हमला हो जाए तो हमारे पास तो क्विक व्यवस्था नहीं है। सीएम ने सबसे अपील की कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए क्या किया जाए इस पर सबके मार्गदर्शन की जरूरत है।बता दें कि यूपी विधानसभा की सुरक्षा में भारी चूक सामने आई है। बुधवार को यहां मानसून सत्र के दौरान 60 ग्राम संदिग्ध पाउडर मिला। एफएसएल टीम ने जांच के बाद इसके विस्फोटक होने की पुष्टि की है। शुरुआती जांच में इस विस्फोटक के पीईटीएन होने की बात सामने आ रही है हालांकि कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ सिंह का कहना है कि पीईटीएन की पुष्टि नहीं हुई है, एटीएस की रिपोर्ट का इंतजार कर लें। वहीं मुख्यमंत्री ने भी विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि ये शक्तिशाली विस्फोटक पीईटीएन था।
बता दें की पीईटीएन काफी शक्तिशाली विस्फोटक होता है। इसका प्रयोग आतंकवादी ट्रेन में धमाके के लिए करते हैं। 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए धमाके में पीईटीएन का इस्तेमाल किया गया था। गौरतलब है कि विधानसभा में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के साथ मेटल डिटेक्टर भी लगे रहते हैं। ऐसे में विस्फोटक वहां पहुंचना सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक का नतीजा है। ये विस्फोटक नीले रंग की पॉलीथिन में रखा था। इस मामले की जांच एटीएस को सौंप दी गई है। बता दें कि 15 अगस्त को विधानसभा को उड़ाने की धमकी देने वाले एक संदिग्ध फरहान अहमद को देवरिया पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार किया है। वहीं, विधानसभा की सुरक्षा में हुई चूक पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। वहीं मंत्री सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि डरने की जरूरत नहीं है। विधानसभा की सुरक्षा पुख्ता है। सीएम ने सुरक्षा को लेकर रूटीन रिव्यू मीटिंग बुलाई है