यूपी पुलिस की इस हरकत से उजड़ने लगी दलित बस्ती
हाथरस, 24 अक्टूबर 2017 (आईपीएन)। सूबे के मुख्यमंत्री प्रदेश में भले ही रामराज्य लाने की बात करते हो और सार्वजानिक मंच से खड़े होकर सबका साथ सबका विकास की बात करते हो। लेकिन यूपी पुलिस इनके इस मनसूबे पर पलीता लगाती नजर आ रही है। जहाँ पुलिस के डर से सैकड़ो दलित परिवार पलायन करने को मजबूर है।
ऐसा ही एक मामला यूपी के हाथरस जिले के क़स्बा सहपऊ क्षेत्र के मौहल्ला जाटवपुरी में देखने को मिला है, जहाँ पुलिस के आतंक व् एक तरफ़ा कार्यवाही से परेशान होकर दलित समाज के सैकड़ों लोग अपना घर बेच कर जाने को मजबूर है। सभी ने अपने घरों के बाहर दरवाजों और दीवारों पर लिख दिया है कि ‘ये घर बिकाऊ है’।
सरकार में बैठे नुमाइंदे दलितों और सर्वणो के बीच भेदभाव ख़त्म करने की बात भले ही करते हो, लेकिन हाथरस की ये तस्वीरे कुछ और ही बयां कर रही है। थाना सहपऊ क्षेत्र के कस्बे में 21 अक्टूबर दिन शनिवार की शाम को मामूली बात पर दुकानदार से दूध लेकर पूरी कीमत न देने को लेकर दुकानदार और ग्राहक में बात विवाद शुरू हो गया और मामला इतना बढ़ गया की पूरी कीमत मांगने पर कुछ लोगों ने दुकानदार की पिटाई कर दी, जिसके बाद दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया। जिससे सहपऊ कस्बे में तनाव बढ़ गया और पथराव के बाद बाजार में भगदड़ मच गई जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। इसी पूरी घटना में थाना सहपऊ पुलिस की एक तरफा कार्यवाही से दलित समाज के लोगां में काफी आक्रोश है। क्योंकि पुलिस ने एक दलित महिला को कार्यवाही करते समय तमाचा भी जड़ दिया था और उसके बेटे को जेल भेज दिया। वहीं पुलिस की कार्यवाही के डर से सभी दलित समाज के पुरुष व् नौजवान घर छोड़ कर भाग गये। अब सिर्फ घरों में महिला और बच्चे ही है। सभी लोगों ने उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो सभी ने मिलाकर एक बड़ा कदम उठा लिया और अपने घरों को बेच कर कहीं और जाने का फैसला का लिया। तभी सभी दलित समाज के घरो के बाहर नीले रंग से लिखा हुआ है की ये घर बिकाऊ है।
पीड़ित महिला राजेश्वरी देवी ने बताया कि वह लोग घर को बेच कर जाना चाहते हैं। क्योंकि पुलिस सवर्णों के कहने पर हम लोगों से लड़ाई झगड़ा करते हैं। विरोध करने पर एक वृद्धा को थप्पड़ मार दिया। वहीं पीड़िता जशोदा और एक और महिला का कहना है कि झगड़े के कारण पुलिस बार-बार दबिश दे रही है। घर के मर्द घर छोड़ का चले गए हैं। घर में घुस कर लोगां की मार पिटाई कर रहे हैं। इसलिए हम लोग घर बेच कर जाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों से भी शिकायत की जा चुकी है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। पुलिस परेशान कर रही है।
वहीं इस मामले में सहकारिता राज्य मंत्री व जिला प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी का कहना है कि यह झगड़ा दो पक्षों में नहीं व्यक्ति विशेष में झगड़ा हुआ था। यूपी सरकार में कोई भी कहीं भी कोई भी भयतीत नहीं है। यूपी सरकार में कानून का राज है। किसी को बस्ती छोड़ने की जरूरत नहीं है। ऐसी घटना उनके संज्ञान में आई है। मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही कराया जाएगा। किसी को कहीं जाने की जरूरत नहीं हैं। वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर जिले के आलाधिकारी चुप्पी साधे हुये है और कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।