सपा नेता आजम खां पर लटकी तलवार, अंतिम चरण में जल निगम भर्ती घोटाले की जांच
समाजवादी पार्टी के शासनकाल में हुए जल निगम भर्ती घोटाले की जांच अब अंतिम चरण में है। चार्जशीट तैयार करने के लिए अब महज सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी हैदराबाद की एक रिपोर्ट का इंतजार है। पूछताछ एवं जांच की अन्य प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
एसआईटी के सूत्रों का कहना है कि इस भर्ती घोटाले में जल निगम अध्यक्ष के रूप में तत्कालीन नगर विकास मंत्री मो. आजम खां की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। उन पर लगाए गए आरोप साक्ष्यों से प्रमाणित हो रहे हैं। इस आधार पर चार्जशीट में उन्हें आरोपी बनाया जा सकता है। चयन से संबंधित पत्रावली पर सहमति के साथ उनके हस्ताक्षर भी हैं। वह यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते कि उन्होंने नियुक्तियों को अनुमोदित नहीं किया था। परीक्षा से संबंधित कागजातों की फोरेंसिक जांच सीएफएसएल हैदराबाद से कराई जा रही है। इस लैब की रिपोर्ट को विश्वसनीय माना जाता है। लैब ने कुछ और तथ्य मांगे थे, जिसे एसआईटी ने उसे मुहैया करा दिए हैं। अब उसकी अंतिम रिपोर्ट आते ही चार्जशीट तैयार हो जाएगी। शासन की मंजूरी के बाद यह चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जाएगी।
एसआईटी ने 25 अप्रैल 2018 को शासन के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया था। इसमें आजम के अलावा तत्कालीन नगर विकास सचिव एसपी सिंह, जल निगम के पूर्व एमडी पीके आसुदानी व जल निगम के तत्कालीन मुख्य अभियंता अनिल खरे को नामजद करते हुए परीक्षा कराने वाली संस्था ‘एपटेक’ के अज्ञात अधिकारियों को अभियुक्त बनाया था।