बेबाक, निष्पक्ष, निर्भीक
March 29, 2024
ब्रेकिंग न्यूज़ विशेष

योगी सरकार की सपरस्ती में सरकारी अमला उड़ा रहा कानून की धज्जियां : रिहाई मंच

  • June 15, 2019
  • 1 min read
योगी सरकार की सपरस्ती में सरकारी अमला उड़ा रहा कानून की धज्जियां : रिहाई मंच

लखनऊ । रिहाई मंच ने उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही हत्याओं और पत्रकारों के साथ मारपीट और गिरफ्तारियों पर गहरा रोष व्यक्त किया है। रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद से ही उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही हत्या और बलात्कार की घटनाओं ने कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा दी हैं।

https://youtu.be/mDcolLR1A0I

आगरा में न्यायालय परिसर में उत्तर प्रदेश बार कौंसिल की नवनियुक्त पहली महिला अध्यक्ष दरवेश यादव की सैकड़ों लोगों के बीच गोली मार कर हत्या कर दी जाती है तो शामली में न्यूज़ 24 के पत्रकार अमित शर्मा को पत्रकारिता धर्म निभाने के जुर्म में जीआरपी एसएचओ और सिपाही बुरी तरह पीटते हैं और निर्वस्त्र कर उसके मुंह में पेशाब करते हैं। उन्होंने कहा कि इससे आम जनता के प्रति पुलिस के व्यवहार का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। पुलिस का जघन्य आपराधिक घटनाओं के घंटों बाद घटना स्थल पहुंचने का पुराना रिकार्ड है लेकिन योगी आदित्यनाथ के व्यक्तित्व को कथित रूप से ठेस पहु्ंचाने वाले वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करने के नाम पर पत्रकारों से लेकर डाक्टर, ग्राम प्रधान, किसान, व्यवसायी, सामाजिक कार्यकर्ता और आमजन तक को गिरफ्तार करने में पुलिस ने कमाल की तत्परता दिखाई। कानून व्यवस्था दुरूस्त रखने के लिए इसकी आधी तत्परता भी होती तो प्रदेश में अपराध का ग्राफ आसमान नहीं छूता। उन्होंने कहा कि प्रशांत कनौजिया की पत्नी जगीशा अरोरा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायलय ने यूपी पुलिस द्वारा उसकी गिरफ्तारी को आज़ादी के अधिकार का हनन बताया। इसके बावजूद प्रदेश में गिरफ्तारियों का दौर जारी है और अब तक प्रशांत के अलावा 9 लोगों पर मुकदमा हो चुका है। इनमें दिल्ली की पत्रकार इशिता सिंह, अनुज शुक्ला के अलावा गोरखपुर के पीर मोहम्मद, धर्मेन्द्र भारती, डाक्टर आरपी यादव, बस्ती के अख़लाक़ अहमद, विजय कुमार यादव शामिल हैं। प्रशांत कनौजिया की रिहाई के लिए लखनऊ के अधिवक्ता एबी सोलोमन समेत रॉबिन वर्मा, अमरदीप, परशुराम कनौजिया, शकील कुरैशी, ज्योति राय, इम्तियाज़ अहमद आदि तमाम लोगों की कोशिश को सराहा। कहा कि अन्य गिरफ्तार व्यक्तियों को भी यथासम्भव कानूनी और नैतिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

https://youtu.be/Ovb2wJsmGFA

रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने हज़ारीबाग़ से स्वतंत्र प्रकार रूपेश सिंह, उनके अधिवक्ता मित्र मिथलेश सिंह और वाहन चालक मोहम्मद कलाम की नक्सली होने का आरोप लगाकर हुई गिरफ्तारी को सरकार द्वारा सच्चाई का गला घोंटने वाला कदम बताया। रूपेश सिंह विभिन्न पत्रिकाओं के जरिए ऐसा सच सामने ला रहे थे जो सत्ता को रास नहीं आ रहा था। उन्हें 4 जून से एजेंसियों में अपने कब्ज़े में रखा था और 7 जून को नक्सलियों को हथियार की आपूर्ति का आरोप लगाकर गिरफ्तारी दिखा दी। उन्होंने कहा कि रिहाई मंच बेगुनाहों की तत्कालीन रिहाई की मांग करता है।