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भव्य राम मंदिर के लिए 10 करोड़ देंगे रामलला, मंडलायुक्त ने केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट

  • November 16, 2019
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भव्य राम मंदिर के लिए 10 करोड़ देंगे रामलला, मंडलायुक्त ने केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट

अयोध्या | सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब विराजमान रामलला की संपूर्ण संपत्तियां सरकार की ओर से बनने वाले नए राम मंदिर ट्रस्ट को मिलेंगी। केंद्र सरकार को इस आशय की रिपोर्ट मंडलायुक्त/रिसीवर की ओर से भेजी गई है। अब तक रामलला को मिल रहे चढ़ावे का हिसाब-किताब मंडलायुक्त के बैंक खाते से ही होता था। रामलला नाबालिग हैं, इसलिए नया ट्रस्ट ही उनके नाम पर मिलने वाले दान, दक्षिणा-चढ़ावा आदि के लिए बैंक खाता खोलकर आय-व्यय का संचालन करेगा।

https://www.youtube.com/watch?v=v9dfcnRBxmk

सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर के अपने ऐतिहासिक फैसले में रामलला विराजमान को विवादित भूमि सौंपते हुए मंदिर निर्माण के लिए सरकार को ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया था। शीर्ष प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक फैसले के बाद केंद्र सरकार ने मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर में विराजमान रामलला की संपूर्ण व्यवस्था के लिए नियुक्त रिसीवर/मंडलायुक्त मनोज मिश्र से रामलला की संपूर्ण संपत्तियों का ब्योरा मांगा।

https://www.youtube.com/watch?v=HQ04BNtMpW4

मंडलायुक्त कार्यालय ने शुक्रवार को इसे तैयार कर गृह मंत्रालय को भेज दिया है। इसके मुताबिक रामलला को प्राप्त चढ़ावे व दान के रूप में करीब 10 करोड़ की नकदी कमिश्नर अयोध्या के खाते में जमा है। रामलला के नाम से भू-संपत्ति दर्ज नहीं है, भूमि नजूल के खाते में है। रिपोर्ट में प्रस्तावित किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार 2.77 एकड़ भूमि समेत भव्य राम मंदिर के लिए अधिगृहीत 67 एकड़ भूमि की देखरेख भी सरकार की ओर से बनने वाला ट्रस्ट करे।

ट्रस्ट का स्वरूप कैसा होगा, इसे लेकर भी धीरे-धीरे प्रशासनिक हलकों में स्थिति स्पष्ट नजर आने लगी है। दो तरह की संभावना जताई जा रही है। पहला राष्ट्रपति की ओर से सीधे आर्डिनेंस के जरिए और दूसरा संसद में नया बिल लाकर। सूत्रों का यहां तक कहना है कि जो तीन निजी ट्रस्ट आपस में मंदिर निर्माण का अधिकार जताने जैसी बातें करते हैं, कोर्ट के फैसले के बाद उनका कोई अस्तित्व नहीं रह जाता है। अलबत्ता राम मंदिर के नाम पर जुटाई गई उनकी समस्त संपत्तियां व बैंक खाते सरकार मंदिर निर्माण के लिए जब्त कर सकती है।

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नए ट्रस्ट का स्वरूप जल्द आएगा सामने-
मंडलायुक्त मनोज मिश्र बताते हैं कि विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने अयोध्या एक्ट के जरिए 1993 में ही मालिकाना हक के लिए लड़ी जा रही 2.77 एकड़ भूमि और पर्यटन विभाग की ओर से पट्टे पर न्यास को दी गई भूमि समेत आसपास के मंदिर की कुल 67 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। इसी में सुरक्षा संबंधी सारे इंतजाम संचालित हैं। रामलला को लेकर केंद्र सरकार को समस्त विवरण भेजा जा रहा है। सब कुछ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक है। राम मंदिर के लिए नए ट्रस्ट का स्वरूप जल्द सामने आ जाएगा और रामलला की समस्त संपत्तियां उसमें समाहित हो जाएंगी।