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विशेष साक्षात्कार

‘हिंदूवादी संगठनों की कथनी, करनी से मोदी सरकार को न आंकें’

  • May 28, 2017
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‘हिंदूवादी संगठनों की कथनी, करनी से मोदी सरकार को न आंकें’

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का कहना है कि गौरक्षकों की गतिविधियों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) जैसे हिंदूवादी संगठनों की विचारधाराओं को नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, जिसके लिए ‘संविधान बाइबिल है।’
पासवान ने सरकार की तीन वर्षो की उपलब्धियों पर लंदन से फोन पर आईएएनएस को बताया कि यदि किसी को मोदी सरकार के कामकाज का विश्लेषण करना है तो इसे सरकार की उपलब्धियों के आधार पर आंका जाना चाहिए न कि बाहरी तत्वों के आधार पर। पासवान सांस लेने में तकलीफ समस्या के इलाज के लिए लंदन में हैं। उन्होंने आलोचकों के उन आरोपों को खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि की मुसलमानों को दूसरे दर्जे के नागरिक बनने की ओर धकेला जा रहा है।
उन्होंने कहा, “मुसलमानों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में विश्वास है, क्योंकि उन्होंने कहा था कि उनके लिए एकमात्र धर्म संविधान है जो सभी समुदायों के लोगों को समान अवसर और सम्मानित जिंदगी देता है।
पासवान ने कहा, “मोदी सिर्फ विकास की बात करते हैं। वह कभी धर्म, धारा 370, बाबरी मस्जिद या रामजन्मभूमि की बात नहीं करते।” सरकार ने तीन तलाक के मुद्दे पर भी कहा कि हम सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को ही लागू करेंगे। उन्होंने कहा, “हमने सिर्फ यही कहा है कि हम सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आलोक में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेंगे।” पासवान ने गौरक्षकों जैसी तथाकथित हिन्दुत्ववादी ताकतों के बारे में कहा कि राज्य सरकारों को इसके लिए कड़े कानून बनाने चाहिए और ‘गोरक्षा के नाम पर कानून तोड़ने वाली ऐसी ताकतों’ के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि गौरक्षा के नाम पर किसी भी तरह की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आरएसएस और अन्य संगठनों की विचारधारा के बारे में पूछने पर पासवान ने कहा कि यदि आरएसएस अपनी नीतियों के अनुरूप कुछ कहता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे सरकार की नीतियां हैं।
उन्होंने कहा, “यहां तक कि मेरी खुद की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का खुद का घोषणापत्र है। दलितों, मुस्लिमों और पिछड़े वर्ग को लेकर पार्टी के अपने विचार हैं। हर किसी के पास अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि सरकार क्या करती है।” उन्होंने कहा, “मोदी सरकार ने ऐसा कुछ नहीं कहा या किया है, जिसे किसी एक धर्म या समुदाय के खिलाफ भेदभाव माना जाए।” पासवान ने कहा कि पिछले तीन साल देश के लिए स्वर्ण युग रहा है। मोदी ने देश का बेहतरीन नेतृत्व किया, जिससे अर्थव्यवस्था में स्थिरता आई है। उन्होंने कहा, “ब्रिटेन में आप जिससे भी बात करें, वे भारत सरकार की सिर्फ प्रशंसा और सम्मान ही करते हैं। मोदी को कड़े फैसले लेने वाले प्रधानमंत्री के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने पिछले साल नोटबंदी जैसा कदम उठाकर इसे साबित भी किया है।”
पासवान के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को अस्थाई तौर पर कृषि मंत्री राधा मोहन को सौंप दिया गया है। पासवाान लंदन से चिकित्सकीय जांच के बाद अगले महीने की शुरुआत में स्वदेश लौट सकते हैं।