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मन की बात में बोले पीएम, ‘बापू का शांति-अहिंसा का रास्ता सही’, कासगंज हिंसा का नहीं किया जिक्र

  • January 28, 2018
  • 1 min read
मन की बात में बोले पीएम, ‘बापू का शांति-अहिंसा का रास्ता सही’, कासगंज हिंसा का नहीं किया जिक्र

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस के बाद देश के सामने मन की बात राखी और महिलाओं से लेकर तमाम बिन्दुओं को देश के सामने उकेरा | पीएम ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का भी जिक्र किया और उनके शांति-अहिंसा के मार्ग को भी सही बताया लेकिन पीएम ने यूपी के कासगंज में चल रही हिंसा का जिक्र मन की बात में नहीं किया | लोग कासगंज हिंसा पर भी पीएम से चुप्पी तोड़ने की मांग कर रहे हैं | जानिए इस बार पीएम के मन की बात-

प्राचीन काल से लेकर आज तक कई महिलाओं ने देश को विकसित करने का काम किया है। एक फरवरी को कल्पना चावला की पुण्यतिथि है। उनकी स्पेसक्राफ्ट हादसे में मौत हो गई थी लेकिन वे कई लड़कियों को प्रेरणा दे गईं। आज सामान्य लोगों को भी पद्म पुरस्कार मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को 40वीं बार मन की बात की। मोदी ने महिला सशक्तिकरण का जिक्र किया। नॉमिनेशन का तरीका बदल चुका है। अवॉर्ड के लिए अब पहचान नहीं बल्कि काम जरूरी हो गया है।

महिलाएं देश का गौरव बढ़ा रही हैं-
मोदी ने कहा 2018 की यह पहली मन की बात है। दो दिन पहले ही हमने गणतंत्र पर्व को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया। 10 देशों के मुखिया उपस्थित रहे। प्रकाश त्रिपाठी ने ऐप पर चिट्ठी लिखी। उन्होंने लिखा 1 फरवरी कल्पना चावला की पुष्यतिथि है। वो लाखों भारतीयों की प्रेरणास्रोत हैं।
हमने कल्पना जी को बहुत कम उम्र में खो दिया। नारी शक्ति की कोई सीमा नहीं है। कुछ भी असंभव नहीं है। खुशी होती है कि भारत में आज महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। देश का गौरव बढ़ा रही हैं। भारतीय विदुषियों की लंबी परंपरा रही है। वेदों को रचने में उनका असीम योगदान है। जैसे लोपामुद्रा और गार्गी। हम बेटी बचाओ की बात करते हैं। लेकिन वेदों में कहा गया एक बेटी 10 बेटों के बराबर है |

नारी को शक्ति का दर्जा-
मोदी ने कहा हमारे समाज में नारी को शक्ति का दर्जा दिया गया है। वो परिवार और समाज को एक सूत्र में बांधती हैं। नारी शक्ति हमेशा हमें प्रेरित करती आई है। त्रिपाठी ने कई उदाहरण दिए हैं। वर्तिका जोशी और निर्मला सीतारमण का जिक्र किया है। तीन महिला पायलटों का जिक्र किया है। ये सब की सब महिलाएं और महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। नारी शक्ति माइल स्टोन स्थापित कर रही हैं। राष्ट्रपति ने उन असाधारण महिलाओं के गुट से मुलाकात की जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में कुछ असंभव को संभव कर दिखाया है। उन्होंने हर क्षेत्र की फर्स्ट लेडीज से मुलाकात की। वो आने वाली पीढियों को प्रेरित करेंगी। इन पर पुस्तक भी प्रकाशित की गई है। ये मेरे एप पर ईबुक के तौर पर भी मौजूद है। एक रेल्वे स्टेशन का जिक्र करता हूं। माटुंगा भारत का पहला ऐसा स्टेशन है जहां हर तरफ महिला स्टाफ है। इस बार बहुत से लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बीएसएफ की महिला कंटिन्जेंट ने रिपब्लिक डे पर समां बांध दिया। हस्ती मिटती नहीं हमारी मोदी ने कहा छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने एक नई मिसाल कायम की है। यहां का दंतेवाड़ा हिंसा प्रभावित है। माओवादियों ने यहां भयानक वातावरण बनाया है। यहां महिलाएं ई-रिक्शा चला रही हैं। इससे तीन फायदे हो रहे हैं। इससे पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है। बिहार में जिला प्रशासन भी इन्हें महत्व दे रहा है। कहते हैं कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। हमारे समाज की विशेषता सेल्फ करेक्शन है। यानी आत्म सुधार। किसी भी जीवंत समाज की यही विशेषता होती है।

बिहार में 13 हजार किलोमीटर की ह्यूमन चेन बनाई गई। दहेज और बाल विवाह से लड़ने के लिए राज्य ने संकल्प लिया। यह राज्य की सीमाओं तक जुड़ती चली गई। जरूरी है कि समाज इनसे मुक्त हो। न्यू इंडिया के लिए ये जरूरी है। सीएम और प्रशासन की प्रशंसा करता हूं। मैसूर के दर्शन ने लिखा है- हम पहले 6 हजार रुपए पिता के इलाज पर खर्च करते थे। जन औषधि के जरिए। मैंने कई वीडियो देखे हैं जिन्होंने इस तरह का लाभ लिया है। दर्शन जी ने लिखा है कि उनके पिता का इलाज 75 फीसदी कम हो गया। मुझे खुशी होती है। जन औषधि केंद्र पर मिलने वाली दवाएं बाजार से 75 से 90 फीसदी तक सस्ती हैं। वहां अच्छी दवाएं कम कीमत पर मिल जाती हैं। 3 हजार केंद्र देश में ऐेसे खोले गए हैं।

बड़ी संख्या में लोग सफाई अभियान में जुट रहे हैं-
मोदी ने कहा मंगेश ने एक फोटो शेयर की है। एक पोता अपने दादा के साथ क्लीन मोरना अभियान में हिस्सा ले रहा है। मोरना पहले 12 महीने बहती थी अब सीजनल हो गई है। एक एक्शन प्लान तैयार किया गया। 4 किमी दूर तक सफाई की गई। अकोला के 6 हजार और साथियों ने सफाई अभियान में हिस्सा लिया। इन लोगों को बहुत बधाई। पद्म पुरस्कारों की चर्चा हो रही है। थोड़ा बारीकी से देखें। कैसे-कैसे महान लोग हमारे बीच में हैं। आज सामान्य आदमी भी बिना किसी सिफारिश के ऊंचाई पर पहुंच रहे हैं। तीन साल में प्रक्रिया बदल गई है।

प्रोसेस ऑनलाइन हो गई है। बहुत सामान्य लोगों को ये पुरस्कार मिल रहे हैं। अब पुरस्कार देने के लिए पहचान नहीं उनका काम देखा जा रहा है।
अरविंद गुप्ता ने बच्चों के लिए खिलौने बनाने का काम किया। वो आईआईटियन हैं। वो देश के तीन हजार स्कूलों में जाकर 18 हजार फिल्में दिखा रहे हैं।
कर्नाटक की एक महिला और भज्जू श्याम जो एमपी के कलाकार हैं। इन दोनों को पद्म सम्मान दिया गया। लक्ष्मी कुट्टी शिक्षिका हैं। वो ताड़ के पट्टी की कुटिया में रहती हैं। उन्होंने 500 दवाइयां बनाई हैं। सांप काटने के बाद की दवाई बनाती हैं। सुभाषिनी मिस्त्री एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने दूसरों के घरों में बर्तन मांजे। आज उनकी मेहनत से बनाए गए अस्पताल में हजारों लोगों का इलाज मुफ्त होता है। पद्म पुरस्कार माध्यम हैं। कुछ लोगों को समाज के बीच लाना चाहिए। ऐसे लोगों को बुलाकर उन्हें सुनना चाहिए।

बापू की बातें आज भी सही-
मोदी ने कहा हर साल 9 जनवरी को हम प्रवासी भारतीय दिवस मनाते हैं। इस दिन हम दुनियाभर में रह रहे भारतीयों के लिए दिवस मनाते हैं। हमने इस बार एनआरआई सांसद और मेयरों को बुलाया। हमारे मूल भारतीय लोग कोई साइबर सिक्युरिटी में तो कोई दवाओं के क्षेत्र में काम कर रहा है। जहां भी हमारे लोग हैं उन्होंने अपना और देश का नाम रोशन किया है। 30 जनवरी को बापू की पुष्यतिथि है। हम शहीद दिवस मनाते हैं। शांति और अहिंसा का रास्ता यही बापू का रास्ता है। बापू की बातें कोरे सिद्धांत नहीं हैं। हम देखते हैं कि उनकी बातें कितनी सही थीं। आप सबको 2018 की शुभकामनाएं।