डिजिटल भुगतान करने वाली कंपनी पेटीएम ने आज अपने भुगतान बैंक की शुरुआत कर दी। बैंक ने जमा पूंजी पर चार प्रतिशत की दर से ब्याज और कैशबैक की पेशकश की है। इसी प्रकार भुगतान बैंक के जरिये ऑनलाइन लेनदेन पर कोई फीस नहीं लेने और खाते में न्यूनतम बकाये की भी कोई शर्त नहीं रखी गई है। कंपनी ने वर्ष 2020 तक 50 करोड़ ग्राहक अपने साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा है। पेटीएम के भुगतान बैंक को चीन की अली बाबा और जापान के बड़े निवेश बैंक साफ्टबैंक का भी समर्थन प्राप्त है। यही वजह है कि कंपनी ने दो साल के दौरान अपने बैंकिंग नेटवर्क के विस्तार के लिये 400 करोड़ रुपये की शुरुआती निवेश योजना बनाई है। इंडिया पोस्ट, एयरटेल के बाद पेटीएम देश की तीसरी कंपनी है जिसने भुगतान बैंक की शुरुआत की है। पेटीएम भुगतान बैंक के चेयरमैन विजय शेखर शर्मा ने इस अवसर पर जारी एक वक्तव्य में कहा है, ‘‘रिजर्व बैंक ने हमें दुनिया में एक नई तरह के बैंकिंग मॉडल की शुरुआत करने का मौका दिया है। हमें इस बात को लेकर गर्व है कि हमारे ग्राहकों की जमा पूंजी को सुरक्षित तरीके से सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जा सकेगा और इसका इस्तेमाल राष्ट्र निर्माण में होगा। हमारी कोई भी जमा राशि किसी जोखिम वाली परिसंपत्ति में परिवर्तित नहीं होगी।’’
पेटीएम के इस समय कई ग्राहक हैं जो उसके डिजिटल बटुए का इस्तेमाल करते हैं। इन ग्राहकों के बटुए को अब भुगतान बैंक में स्थानांतरित कर दिया जायेगा। उपयोक्ताओं को अब खाता खोलने के लिये अपने ग्राहक को जानिये (केवाईसी) नियमों को पूरा करना होगा। कंपनी केवाईसी अनुपालन केन्द्रों को स्थापित कर रही है ताकि ग्राहकों के खाते खोले जा सकें। पेमेंट बैंक खाता खोलने वाले प्रत्येक ग्राहक को खाते में 25,000 रुपये जमा होने पर 250 रुपये की नकदी वापस प्राप्त होगी। शुरुआत में पेटीएम भुगतान बैंक खाते केवल आमंत्रण आधार पर होंगे। वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘खाते में शून्य अधिशेष रखा जा सकेगा और प्रत्येक ऑनलाइन लेनदेन जैसे कि आईएमपीएस, एनईएफटी, आटीजीएस, पर कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा।’’