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UP में अब सभी फ्लैटों मालिकों को देना होगा हाउस टैक्स

  • October 7, 2020
  • 1 min read
UP में अब सभी फ्लैटों मालिकों को देना होगा हाउस टैक्स

लखनऊ | उत्तर प्रदेश के शहरों में बनी बहुमंजिला इमारतों में फ्लैट लेकर रहने वालों को हाउस टैक्स की चोरी भारी पड़ सकती है। फ्लैट मालिकों से हाउस टैक्स की वसूली के लिए जल्द ही सर्वे शुरू कराने की तैयारी है। पता लगाया जाएगा कि प्रदेश के शहरों में कितने ऐसे फ्लैट मालिक हैं जो हाउस टैक्स नहीं दे रहे हैं। इसके बाद इनसे बिजली के कनेक्शन या फिर फ्लैट रजिस्ट्री की तिथि से हाउस टैक्स की वसूली की जाएगी। इसमें मुख्य रूप से एकल आवासीय भूखंडों पर फ्लैट बनाकर रहने वाले छोटे बिल्डर दायरे में आएंगे। ये बिल्डर एकल भूखंड का हाउस टैक्स देकर कई-कई फ्लैट बनाकर बेच देते हैं और टैक्स सिर्फ एक ही आवास का दिया जाता है।

नगर विकास विभाग ने शहरों में जीएसआई सर्वे कराने की प्रक्रिया शुरू की है। इसमें बहुमंजिला इमारातों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्थानीय निकाय निदेशालय ने नगर आयुक्तों के साथ वर्चुअल बैठक में इस संबंध में निर्देश दे दिया है। नगर आयुक्तों से कहा गया है कि शहरों में बहुमंजिला इमारतें तेजी से बन रही हैं। इसमें फ्लैटों की संख्या भी काफी बढ़ी है। इसलिए सर्वे के दौरान फ्लैटों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जीएसआई सर्वे के बाद स्थलीय सर्वे के दौरान पता लगाया जाएगा कि प्रदेश में ऐसे कितने फ्लैट मालिक हैं जो अभी तक हाउस टैक्स नहीं दे रहे हैं या फिर एकल भूखंड पर एक ही आ‌वास का टैक्स दे रहे हैं। ऐसे लोगों से हर फ्लैट की अलग से अनिवार्य रूप से हाउस टैक्स की वसूली की जाएगी।

हाउस टैक्स वसूली पर जोर-
स्थानीय निकाय निदेशक डा. काजल के मुताबिक निकायों की आय बढ़ाने पर हाउस टैक्स वसूली पर जोर दिया जा रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए जीएसआई सर्वे कराया जा रहा है। अनुमान है कि सर्वे में काफी संख्या में फ्लैट व भवन स्वामी ऐसे मिलेंगे जो हाउस टैक्स नहीं दे रहे हैं। लखनऊ गोमती नगर में सर्वे के बाद काफी मकान ऐसे मिल चुके हैं।

रजिस्ट्री के समय से देना होगा हाउस टैक्स-
शहरों में छोटे-छोटे प्लाटों पर एकल भवन मानचित्र का नक्शा पास कराकर उस पर दो से तीन मंजिला इमरातें बना दी जाती हैं। ऐसी इमारातों में छह से 10 फ्लैट होते हैं। विभाग की जानकारी में आया है कि सबसे अधिक ऐसे फ्लैटों में रहने वाले ही हाउस टैक्स नहीं दे रहे हैं। इसलिए सर्वे के दौरान ऐसे फ्लैटों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्थानीय निकाय निदेशालय का मानना है कि सर्वे के दौरान हजारों की संख्या में ऐसे फ्लैट मालिकों से हाउस टैक्स की वसूली की जाएगी।