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April 16, 2024
मध्य प्रदेश राष्ट्रीय

मप्र : शिवराज में बेबस किसान ने बैलों की जगह बेटियों से जुतवाया खेत, तस्वीर ने देश को किया शर्मशार

  • July 9, 2017
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मप्र : शिवराज में बेबस किसान ने बैलों की जगह बेटियों से जुतवाया खेत, तस्वीर ने देश को किया शर्मशार

सिरोह | भाजपा के राज में भी किसान खुशहाल नहीं  हैं, वह मूल समस्याओं के लिए भी जूझ रहा है | मंदसोर में किसान पर गोली चलाने की घटना के बाद अब फिर मंदसोर से किसान की बेबसी की खबर सामने आयी है | बैल न खरीद पाने के कारण एक किसान ने अपनी बेटियों को ही हल में लगाकर खेत जोता |  मप्र के सिरोह से आई किसान की बेबसी की  इस दर्दनाक तस्वीर ने देश को स्तब्ध कर दिया है | पिछले लम्बे समय से मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार चला रहे शिवराज सिंह के कथित विकास की भी पोल इस तस्वीर ने खोल दी है | हालांकि अब प्रशासन मामले को साधने में जुट गया है | सिरोह के सरदार बरेला नाम के इस किसान के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह जुताई के लिए बैल खरीद सके, लाचारी और बेबसी के चलते इस किसान ने खुद की बेटियों को ही बैलो की जगह हल में लगाकर मुश्किल से जुताई की |

सिरोह के डीपीआरओ आशीष शर्मा ने कहा कि उन्होंने किसान से बात की है और कहा है कि वह ऐसा ना करें। आशीष ने बताया कि किसान को हरसंभव मदद देने की बात भी कही गई थी| किसान का नाम सरदार बरेला है। मामले की और जानकारी फिलहाल नहीं आई है। यह किसान सिरोह में रहता है।  उसने बताया कि उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह बैल खरीद सके। इसपर उसने मक्का की फसल के लिए बेटियों से खेत जुतवाया।

बताते चलें कि मध्यप्रदेश में पिछले दिनों किसान आंदोलन के वक्त काफी हंगामा हुआ था। प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में कुछ किसानों की जान भी चली गई थी। किसानों का आरोप था कि जिन लोगों की जान गई उनको पुलिस प्रशासन ने सरकार के कहने पर पीटा था। इसके चलते राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की हर तरफ तीखा आलोचना हुई। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने अनशन भी किया था। फिर उन्होंने यह कहकर अनशन तोड़ा कि जिन किसानों की मौत हुई उनके परिवार वालों ने उनसे अनशन खत्म करने की गुजारिश की है। इस तस्वीर ने मध्य प्रदेश सरकार को एक बार फिर कठघरे में खड़ा कर दिया है | किसान और बेटियों की इस तस्वीर ने देश को शर्मशार कर दिया है | विश्व में कृषि प्रधान कहलाने वाले इस देश में ऐसी तस्वीरे हालात बयाँ करने के लिए काफी हैं | बावजूद इसके देश में अभी तक राजनैतिक मुद्दे का केंद्र सिर्फ धर्म और जाति ही बना हुआ है | किसान और नौजवान की चिंता न अब सरकारों को है और न ही देश के आम लोगो को |