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मोदी सरकार में 10 हजार रूपये किलो की दही खा रहे अफसर, रेलवे कैटरिंग में बड़ा घोटाला

  • May 3, 2017
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मोदी सरकार में 10 हजार रूपये किलो की दही खा रहे अफसर, रेलवे कैटरिंग में बड़ा घोटाला

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी भले ही न खाउंगा और न खाने दूंगा की बात करे लेकिन रेलवे के अधिकारी सबसे इमानदार छवि के मंत्री कहे जाने वाले सुरेश प्रभु के मंत्रालय में जमकर गुलछर्रे उड़ा रहे हैं |  रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु लगातार भारतीय रेल को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठा रहे है, लेकिन उनके मंत्रालय से कुछ ऐसी सूचना सामने आई है जो हैरान करती है। मंत्रालय में तैनात अफसर रोजाना 10 हजार रुपए प्रति किलो की दर पर आई.आर.सी.टी.सी. से दही खरीद रहे हैं, वहीं खाना बनाने के लिए जिस रिफाइंड तेल का इस्तेमाल अफसर कर रहे थे उसको भी 1253 रुपए प्रति लीटर पर खरीदा गया।मध्य रेलवे के अधिकारियों ने इस दर पर इन सामान की खरीदी अपने सेंट्रल वेयर हाउस के लिए की थी।

मध्य रेलवे के अफसरों ने आर.टी.आई. एक्टिविस्ट अजय बोस द्वारा दायर की गई आर.टी.आई. पर पहले तो किसी प्रकार का जवाब देने से इंकार कर दिया, लेकिन बाद में अपील के जरिए रेलवे अफसरों ने जो तथ्य सामने रखे, उससे हर किसी के होश उड़ जाएं। इस बात का खुलासा खुद रेलवे ने एक आर.टी.आई. के जरिए किया है।बोस ने कहा कि उसने सबसे पहले आर.टी.आई. को जुलाई 2016 में दाखिल किया था। उसके बाद संतोषपूर्वक जानकारी नहीं मिलने के बाद बोस ने अपील डाली। अपील करने के बाद रेलवे ने जो जानकारी दी उसके मुताबिक मध्य रेलवे ने अपने छत्रपति शिवाजी ट्रर्मिनस स्थित वेयर हाउस के लिए जो सामान खरीदा वो मार्कीट में चल रहे रेट से काफी ज्यादा था। इन सभी खाद्य प्रदार्थों का इस्तेमाल जन आहार कैंटीन, रेलवे के बेस किचिन और डेक्कन क्वीन व कुर्ला-हजरत निजामुद्दीन ट्रेन में सप्लाई करने के लिए खरीदा गया था।रेलवे ने आई.आर.सी.टी.सी. से जिस दर पर सामान खरीदा था उसमें तुअर और मूंग दाल 157 रुपए प्रति किलो, चिकेन 233 रुपए प्रति किलो, नमक 49 रुपए प्रति किलो और पानी की बोतल 59 रुपए प्रति बोतल शामिल है।

इन सामान के अलावा बेसन और टिश्यू पेपर की खरीद भी काफी ज्यादा दाम पर की गई थी। आरटीआई. के मुताबिक मध्य रेलवे ने बताया कि उसने 250 किलो आटा 7680 रुपए में खरीदा, जिसमें से उसने 450 किलो बांट दिया। 450 किलो आटे में 90 किलो आटा बेस किचिन को और 360 किलो जन आहार कैंटीन को दिया गया। इसी तरह रेलवे ने 20 किलो मैदा खरीदा, लेकिन उसने दिखाया कि 35 किलो मैदा बांटा था। जहां पूरे साल में 255 किलो बासमती चावल खरीदा गया वहीं 745 किलो चावल बेस किचिन और कुर्ला-निजामुद्दीन ट्रेन में बांटा हुआ दिखाया गया।रेलवे ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह किसी तरह की कोई टाइपिंग गलती हो सकती है। अगर सही में इस तरह का कुछ हुआ है तो रेलवे इसकी जांच कराने के लिए भी तैयार है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।