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मेरठ की क्रान्तिभूमि से किसानो ने जयंत के नेत्रत्व में भाजपा को उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प

  • October 13, 2017
  • 1 min read
मेरठ की क्रान्तिभूमि से किसानो ने जयंत के नेत्रत्व में भाजपा को उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प

मेरठ | भाजपा के केंद्र और प्रदेश में सत्ता में आने के बाद किसानो के मुद्दे और समस्याएँ बढती जा रही हैं | भाजपा सरकारों द्वारा लगातार किसानो के विरुद्द लिए जा रहे फैसले से किसानो में आक्रोश है | देश में किसानो के सबसे बड़े दल राष्ट्रीय लोकदल ने अब पश्चिमी यूपी से किसानो के आन्दोलन को धार देने में जुट गयी है | मेरठ की क्रान्तिभूमि पर गुरूवार को रालोद युवराज जयंत चौधरी ने मोदी और योगी सरकार के खिलाफ किसानो के आन्दोलन का शंखनाद किया | मेरठ में लेम समय बाद हजारों की संख्या में एकत्रित हुए किसानो ने किसान विरोधी भाजपा को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया | सुबह से ही ट्रैक्टर और ट्रॉली से कमिशनरी पर किसानो की भीड़ एकत्रित होना शुरू हो गयी थी | नौजवानों और छात्रों ने भी हजारों की तादाद में किसानो को समर्थन देकर पश्चिम की सियासत में आने वाले दिनों में बड़े बदलाव के संकेत दिए |

रालोद युवराज जयंत चौधरी ने कहा कि हजारों सपने दिखाकर सत्ता में आई मोदी और योगी सरकार किसानों को मारने पर तुली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार बनने से पहले चुनावी सभाओं में किसानों और नौजवानों की तकदीर बदलने का वादा किया था। कहा था कि अच्छे दिन आने वाले हैं। लेकिन किसी के आए क्या ? प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति ने नोटबंदी के दौरान देश की जनता से 50 दिन मांगते हुए कहा था कि अगर वे फेल हो जाएं तो चौराहे पर सजा देना। देश के सभी अर्थशास्त्री नोटबंदी को गलत बता रहे थे। लेकिन मोदी भक्त शान में कसीदे पढ़ रहे थे। कहा कि वर्ष 2009 में केंद्र सरकार गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) लेकर आई थी। इस काले कानून को रालोद ने लड़ाई लड़कर रुकवाया था। अब योगी सरकार भी गन्ना किसानों के लिए एक ऐसी नीति (कॉम्पेक्ट केन एरिया ) लेकर आ रही है, जिसमें किसान बोल भी नहीं सकते हैं। इस नीति को भी रालोद लागू नहीं होने दगी।

किसी की नहीं है “हैप्पी दिवाली”-

रालोद युइव्राज जयंत चौधरी ने मोदी और योगी सरकार को किसानों और नौजवानों को धोखा देने के बाद अब व्यापारियों का भी दिवाला निकालने वाली सारकार बताया | नोटबं दी और जीएसटी के बाद से व्यापारियों की दुकानें तो खुलीं। लेकिन उन पर ग्राहक नहीं हैं। कोई भूल से भी व्यापारियों को हैप्पी दिवाली बोल दे तो ऐसा लगता है कि उनके जख्मों पर नमक छिड़का जा रहा है। देश में किसी की भी हैप्पी दिवाली नहीं है और मोदी कह रहे हैं कि इस बार देशवासियों ने पंद्रह दिन पहले दिवाली मना ली है।

किसानो से कहा- ‘एकजुट हो जाओ, सामजिक गठजोड़ बनाओ’-

जयंत चौधरी ने कहा कि पुलिस निर्दोषों का एनकाउंटर कर रही है। सुमित गुर्जर प्रकरण इसका उदाहरण है। महापंचायत में उमड़ी किसानों की भारी भीड़ से गदगद जयंत ने किसानों से कहा कि अपने हक और हकूक के लिए चौ. चरण सिंह के जमाने की तरह एकजुट हो जाओ। टूटे हुए ताने-बाने को फिर से जोड़ लो। अपने खिलाफ रणनीति बनाने वाली सरकारों को उखाड़ फेंको। जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार देश के पांच से सात औद्योगिक घरानों के लिए काम कर रही है। एक फीसदी लोगों का देश के 58 फीसदी संसाधनों पर कब्जा है। 10 फीसदी लोगों के पास देेश की 90 फीसदी आबादी के बराबर धन है। इतनी असमानता वाला यह देश आखिर किस दिशा में ले जाया जा रहा है। लोगों को सांप्रदायिकता के नाम पर लड़वाकर वोट बैंक की राजनीति की जा रही है। ट्रैक्टर पर रोड टैक्स और जीएसटी 28 फीसदी लगाया जा रहा है।

इन्होने भी किया संबोधित –

सभा को राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र शर्मा, त्रिलोक त्यागी, जिलाध्यक्ष राहुल देव, छपरौली विधायक सहंदर रमाला, पूर्व विधायक वीरपाल राठी, राजपाल बालियान, पूर्व मंत्री धर्मवीर बालियान, योगराज सिंह, साहब सिंह, एमएलसी मुश्ताक चौधरी, एसके वर्मा, छात्र नेता जियाउर्रहमान आदि ने भी संबोधित किया। संचालन पश्चिमी यूपी अध्यक्ष डॉ. अनिल चौधरी, पूर्व प्रदेश संगठन प्रभारी डॉ. राजकुमार सांगवान, सुनील रोहटा ने संयुक्त रूप से किया।

यह रहे मौजूद –
इस मौके पर पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, पूर्व विधायक परवेज हलीम, चौ. बलराज सिंह, एनुद्दीन शाह, राजेंद्र चिकारा, रणवीर दहिया, राजीव बालियान, मेरठ कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष सौरभ सिंह, योगेश फौजी, कपिल बिसला, सुरेश मलिक, यशवीर सिंह, पप्पू गुर्जर, राममेहर सिंह, नरेंद्र खजूरी, अनीश कुरैशी, इंद्रपाल सिंह, गौरव जिटौली, अंकित कुरमाली, सचिन चौधरी, सोहराब गयास, विनय मल्लापुर, नायब अली, जीशान सिद्दीकी आदि मौजूद रहे।