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लंदन मेयर सादिक खान -जलियांवाला बाग नरसंहार के लिए माफी मांगे ब्रिटिश सरकार

  • December 6, 2017
  • 1 min read
लंदन मेयर सादिक खान -जलियांवाला बाग नरसंहार के लिए माफी मांगे ब्रिटिश सरकार

लंदन के मेयर सादिक खान ने भारत दौरे के दौरान जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए ब्रिटिश सरकार से माफी मांगने का अनुरोध किया है।

एक बार फिर अमृतसर के जलियांवाला बाग नरसंहार की यादें ताजा हो गई है। दरअसल लंदन के मेयर सादिक खान भारत दौरे पर आए हुए है। मेयर ने बुधवार को अमृतसर के जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि ब्रिटिश सरकार को इस नरसंहार के लिए माफी मांगनी चाहिए।

दरअसल यहां के दौरे के दौरान सादिक खान ने विजिटर पुस्तक में लिखा है कि 13 अप्रैल 1919 में हुआ जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार के लिए ब्रिटिश सरकार को माफी मांगनी चाहिए। मेयर सादिक खान ने साथ ही कहा कि जलियांवाला बाग हत्याकांड को कभी नहीं भूला जा सकता है।

लंदन मेयर सादिक खान

जलियांवाला बाग के अलावा लंदन के मेयर ने आस-पास ऐतिहासिक स्थल को दौरा करते हुए शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। इससे पहले सादिक खान ने अमृतसर के प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर गए। साथ ही स्वर्ण मंदिर की सामुदायिक रसोई में लंगर का हिस्सा भी बने।

खान ने स्वर्ण मंदिर देखने के बाद कहा कि पवित्र मंदिर की यात्रा के बाद उन्होंने बहुत अच्छा महसूस किया। सादिक खान को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकारियों द्वारा भी सम्मानित किया गया।

भारतीय मंत्रियों व व्यापारिक नेताओं से की मुलाकात

वहीं इससे पहले मंगलवार को लंदन मेयर ने नई दिल्ली स्थित अक्षरधाम मंदिर में भी दर्शन किए थे और महाराजा एग्रसेन पब्लिक स्कूल में वायु प्रदूषण का अध्ययन करने वाले छात्रों से भी मुलाकात की।

लंदन के मेयर सादिक खान व बैंगलोर के मेयर संपत राज, वैश्विक वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 20 अन्य विश्व के शहरों के साथ सम्मेलन का नेतृत्व करेंगे।

भारत यात्रा के दौरान मेयर सादिक खान ने मुंबई, दिल्ली और अमृतसर में व्यापार जगत के नेताओं और भारत सरकार के मंत्रियों के साथ बैठके भी की। इसके अलावा सादिक खान ने भारत के वित्त मंत्री अरूण जेटली के साथ भी मुलाकात की थी।

जलियांवाला बाग नरसंहार क्या है?

जलियांवाला बाग नरसंहार 13 अप्रैल 1919 को हुआ था। इस दिन पंजाब के अमृतसर के जलियांवाला बाग में ब्रिटिश सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए थे। ये शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे।

कर्नल रेजिनाल्ड डायर के नेतृत्व में अंग्रेज सैनिकों ने अचानक से इन प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया। जिसमें हजारों लोग घायल हो गए व सैकड़ों की संख्या में लोग मारे गए।

ब्रिटिश सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस नरसंहार में करीब 379 लोग मारे गए थे और करीब 1200 लोग घायल हुए थे। जबकि अन्य सूत्रों के मुताबिक करीब 1000 से अधिक लोग इस नरसंहार में मारे गए थे।