सीतापुर में वकीलों ने एसपी के सामने दरोगा को जूतों से पीटा, पुलिस में आक्रोश, देखें यह वीडियो-
सीतापुर | कानून के जानकार ही बुधवार को कोर्ट परिसर में खाकी को पीटते नजर आये | वकीलों ने दरोगा को जूतों से तो पीटा ही साथ ही जिले के एसपी से भी हाथापाई की | एसपी से तो जिला जज की मौजूदगी में अभद्रता की गयी | दरोगा की जूतों से पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है | वहीँ खाकी में भी दरोगा की पिटाई से भारी आक्रोश व्यापत है | बुधवार को कोर्ट परिसर में वकीलों ने पुलिस अधीक्षक से अभद्रता की। बीच-बचाव कर रहे पीआरओ और हमराह दरोगा को भी नहीं बख्शा गया। दो दरोगाओं की पिटाई की गई। बढ़ते हंगामे के बीच जिला जज की मध्यस्थता में मामला शांत हो सका। एसपी का कहना है कि आरोपी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि आंख अस्पताल चौराहा स्थित सीतापुर क्लब पर अवैध कब्जा हटाने को लेकर बुधवार दोपहर जिलाधिकारी की ओर से निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी शीतल वर्मा के साथ वे भी मौके पर पहुंचे। अतिक्रमण हटाकर संचालक अधिवक्ता ओम प्रकाश गुप्ता और रामपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया। मौके से काफी मात्रा में शराब बरामद हुई। इसी के बाद वे मानीटरिंग सेल की मीटिंग में शामिल होने के लिए जिला जज के पास पहुंचे। मामले ने तूल पकड़ लिया है | पुलिस और वकीलों में यह टकराव बढ़ सकता है |
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एसपी की मानें तो परिसर में ही कुछ वकीलों ने उनके साथ अभद्रता की। उनसे मोबाइल छीनने का प्रयास हुआ। अभद्रता को लेकर जब पीआरओ विनोद मिश्रा और हमराह दरोगा प्रदीप बीचबचाव करने लगे तो उनके साथ मारपीट की गई। इसी के बाद हंगामा बढ़ गया। एएसपी महेन्द्र प्रताप चौहान, कई सर्किल अफसर सहित आसपास के कई थानों की पुलिस बुला ली गई। जिला जज राजेन्द्र प्रसाद ने बीच-बचाव कर किसी तरह विवाद को शांत कराया। एसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि कुछ वकीलों ने अपने बर्ताव पर माफी मांगी है लेकिन कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उधर बार एसोसिएशन अध्यक्ष हरीश त्रिपाठी से बात की गई तो उनका कहना है कि बार के किसी भी सदस्य ने कोई माफीनामा नहीं दिया है। प्रशासन अवैध कब्जे को लेकर जो कार्रवाई कर रहा है, उससे उनका कोई मतलब नहीं है। गुस्सा इस बात का है कि वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ पुलिस ने जिस तरह से व्यवहार किया वह गलत था। इसको लेकर गुरुवार को बार में बैठक बुलाई गई है। वकील एक दिन के लिए कार्य से विरत रहेंगे। वे प्रशासन और पुलिस के साथ टकराव नहीं चाहते हैं। वे चाहते हैं कि मामले का हल आपसी सौहार्द के बीच निकाला जाए।