ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल आरोपी IPS अफसरों की बेनामी संपत्ति की जांच शुरू, रिश्तेदारों के भी खंगाले जा रहे दस्तावेज
लखनऊ । नोएडा के एसएसपी पद से आईपीएस वैभव कृष्ण को सस्पेंड करने के साथ ही अन्य अफसरों के तबादले से एक ओर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है तो वहीं जिन अफसरों के नाम सेटिंग के खेल में उछले थे, उनके संपत्तियों की गोपनीय जांच शुरू कर दी गई है। खबर के अनुसार कुशीनगर और देवरिया में कुछ आईपीएस अफसरों ने अपने रिश्तेदारों के नाम से बेनामी संपत्ति खरीदी थी। शासन की ओर से इसकी गोपनीय रिपोर्ट मांगी गई है। जांच एजेंसियों ने अब गोपनीय तरीके से दस्तावेज की जांच शुरू कर दी है। खासकर, इस दायरे में वही आईपीएस अफसर हैं जिनके नाम आईपीएस वैभव कृष्ण की गोपनीय रिपोर्ट में आए हैं।
जानकारी के मुताबिक इस बारे में वैभव कृष्ण के गोपनीय पत्र के लीक होने के बाद से ही गोपनीय जांच शुरू हो गई थी। आरोपों में घिरे आईपीएस गणेश साहा लंबे समय तक गोरखपुर में एसपी सिटी, एसपी नार्थ और फिर देवरिया में एएसपी के पद पर तैनात रहे हैं। आरोपों से घिरे एक और आईपीएस व एसपी एसटीएफ से हटाए गए राजीव मिश्रा की तैनाती भी एसपी कुशीनगर के रूप में रही है।
महराजगंज के एसपी रहे हिमांशु कुमार भी आरोपों के घेरे में है। वह सपा सरकार में महराजगंज के एसपी थे। सरकार बदली तो सोशल मीडिया पर टिप्पणी को लेकर विवादों में आए। इस मामले में हिमांशु कुमार को निलंबित किया गया था। अब उन्हें सुल्तानपुर से हटा दिया गया है। अब इन सभी अफसरों के उनकी तैनाती वाले जिले से संपत्तियों की जांच शासन शुरू कर दी गई है।
जांच एजेंसियों ने अपने अपने तरीके से इसकी जांच शुरू की है। इस जांच में ही कुशीनगर और देवरिया में संपत्ति खरीदने के कुछ दस्तावेज मिलने की बात सामने आ रही हैं, जो एक आईपीएस अफसर के रिश्तेदार के नाम पर हैं।