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April 18, 2024
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गढ़ बचाने कि कोशिश में जुटी कांग्रेस कई दिग्गज नेता पहुंचे शिलांग

  • March 3, 2018
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गढ़ बचाने कि कोशिश में जुटी कांग्रेस कई दिग्गज नेता पहुंचे शिलांग

नई दिल्ली | पूर्वोत्तर में इस बार बड़ा राजनीतिक उलटफेर होता दिखाई दे रहा है। मेघालय में जहां कांग्रेस शुरुआती काउंटिंग में बढ़त बनाए हुए है। वहीं त्रिपुरा में बीजेपी लेफ्ट के गढ़ में सेंध मारने जा रही है। नगालैंड में भी इसबार बदलाव के आसार नजर आ रहे हैं। मेघालय विधानसभा चुनाव के नतीजे जैसे-जैसे साफ हो रहे हैं, वहां सियासी हलचल के बीच जोड़-तोड़ की राजनीति भी बढ़ती जा रही है। मेघालय में कांग्रेस कई सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है। वहीं मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने भी जीत हासिल कर ली है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मेघालय में किसी भी एक दल को बहुमत मिलना मुश्किल दिख रहा है। ऐसे में अभी से ही वहां सियासी उठापटक का खेल शुरू हो गया है। बीजेपी, कांग्रेस और एनपीपी के नेताओं ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। वही सूत्रों मुताबिक, कांग्रेस के अहम रणनीतिकार और सोनिया गांधी के भरोसेमंद अहमद पटेल, कमल नाथ दोपहर बाद मेघालय पहुंचेंगे। मेघालय में पिछले 9 साल से कांग्रेस की ही सरकार हैं वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों में ‘कमल’ खिलाने की कोशिश कर रही बीजेपी भी दबे पांव चाल चलती नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि बीजेपी मेघालय में दिवंगत पीए संगमा की पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) से बातचीत कर रही है। चर्चा है कि नतीजे साफ होने के बाद बीजेपी और एनपीपी हाथ मिला सकती है।

इस सबके बीच पिछले 9 सालों से सत्ता में काबिज मुख्यमंत्री मुकुल संगमा को पूरा भरोसा है कि उनकी पार्टी फिर से सत्ता में आएगी। मुकुल संगमा ने दो सीटों अम्पति और सॉन्गसाक से चुनाव लड़ा था और दोनों पर ही जीत हासिल कर ली है। सियासी जानकारों का भी मानना है कि मेघालय में कांग्रेस के सामने किला बचाने की बड़ी चुनौती है। अगर मेघालय में कांग्रेस हारती है तो पूरे देश में संदेश जाएगा कांग्रेस मुक्त भारत का पीएम मोदी का सपना साकार हो रहा है। और एक राज्य से पार्टी समाप्त हो गई। कांग्रेस को यहां बागी गुटों के साथ-साथ तमाम छोटे-छोटे दलों से चुनौती मिल रही है, जिनके साथ बीजेपी चुनाव बाद सरकार बनाने की जुगत में दिखाई दे रही है। उल्लेखनीय है कि मेघालय में विधानसभा की कुल 60 सीटें हैं और 27 फरवरी को 59 सीटों पर वोटिंग हुई थी।किसी भी दल या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 31 सीटों पर जीत जरूरी है। सरकार है। ऐसे में कांग्रेस अपने आपको बचाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है।