
अलीगढ़ । नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 15 और 16 दिसंबर को हुए उपद्रव और हिंसक टकराव की आंतरिक जांच झारखंड और छत्तीसगढ़ के पूर्व चीफ जस्टिस वीके गुप्ता करेंगे। जांच में यह भी देखा जाएगा कि इस घटना में किसी छात्र के साथ ज्यादती तो नहीं हुई है। नागरिकता संशोधन कानून जब संसद में लाया गया तभी से एएमयू कैंपस में छात्रों के बीच इसका विरोध मुखर हो गया था। इसी क्रम में छात्रों का एक जगह इकट्ठा होकर प्रदर्शन शुरू हो गया था। 15 दिसंबर को स्थिति बहुत ही बिगड़ गई और हिंसक टकराव के बाद कैंपस में घुसकर पुलिस को स्थिति नियंत्रित करनी पड़ी। 16 दिसंबर से एएमयू में अवकाश घोषित कर दिया गया।
हिंसा में करीब 78 छात्र घायल हुए। इनमें से चार को मेडिकल कॉलेज में भर्ती करना पड़ा और एक छात्र का अभी भी एम्स में उपचार चल रहा है। इस बवाल में दो मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें से एक मुकदमा इंस्पेक्टर सिविल लाइंस अमित कुमार की ओर से 52 नामजद व 1300 अज्ञात पर और दूसरा चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर निजामुद्दीन द्वारा 26 नामजद व 1300 अज्ञात पर दर्ज कराया गया। 26 लोग गिरफ्तार भी हुए।
एएमयू के एमआईसी प्रो. शाफे किदवई ने बताया कि अब इस मामले की जांच हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस वीके गुप्ता करेंगे। वह तीन महीने में अपनी जांच पूरी करेंगे। जांच में यह बिंदु भी शामिल है कि पूरे प्रकरण में किसी छात्र के साथ कोई ज्यादती तो नहीं की गई है।