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April 18, 2024
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डॉक्टर दोस्त ने ही की डॉ. योगिता गौतम की हत्या, जालौन का मेडिकल ऑफिसर गिरफ्तार, ऐसे खुला राज-

  • August 20, 2020
  • 1 min read
डॉक्टर दोस्त ने ही की डॉ. योगिता गौतम की हत्या, जालौन का मेडिकल ऑफिसर गिरफ्तार, ऐसे खुला राज-

आगरा | आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में पीजी की छात्रा डॉ. योगिता गौतम की हत्‍या के आरोप में जालौन के मेडिकल ऑफिसर डॉ विवेक तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। डॉ.विवेक ने कबूल किया है कि उसी ने डॉ.योगिता गौतम की हत्‍या की। इस वारदात को किस निर्ममता से अंजाम दिया इस बारे में भी उसने पुलिस को बताया है। डा.विवेक तिवारी ने अपने कबूलनामे में कहा कि उसने डॉ योगिता गौतम की हत्‍या गला दबाकर की। इसके बाद उनकी मौत सुनिश्चत करने के लिए चाकू से सिर पर वार किया। हत्‍या के बाद आरोपी ने डॉ.योगिता का झाड़ियों में फेंक दिया। पुलिस को खून से सना चाकू डॉक्टर की कार से मिल गया था। रिवाल्वर बरामदगी के लिए एक टीम कानपुर भेजी गई है। हत्यारोपी विवेक के पिता डिप्टी एसपी के पद से रिटायर हुए थे।

बुधवार की सुबह डौकी के बमरौली कटारा क्षेत्र में एक अज्ञात युवती का शव मिला था। वहीं दूसरी तरफ एमएम गेट स्थित नूरी गेट निवासी डॉक्टर योगिता गौतम मंगलवार की शाम साढ़े सात बजे से लापता थीं। शाम को डौकी में मिले शव की पहचान डॉक्टर योगिता गौतम के रूप में हुई थी। आगरा के एसएसपी बबलू कुमार ने इस सनसनीखेज हत्‍याकांड के बारे में बताते हुए बताया कि डॉ.विवेक तिवारी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। डॉ.विवेक तिवारी ने पुलिस को बताया कि मंगलवार को वह योगिता से मिलने के लिए पहुंचा था। वहां दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। इसके बाद उसने योगिता की गला दबाकर हत्या कर दी। मौत कन्फर्म करने के लिए कार में रखे चाकू से सिर पर वार भी किया। इसके बाद सुनसान इलाके में झाड़ियों के बीच शव को फेंक दिया।

पहले पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, फिर कबूला जुर्म-
डॉ.विवेक ने पूछताछ के दौरान पहले पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन पुलिस की सख्‍ती और कॉल रिकार्ड्स और आगरा में उसकी मौजूदगी के सबूतों के सामने वह ज्‍यादा देर तक ठहर नहीं सका। पुलिस के मुताबिक अपना जुर्म कबूल करते हुए डॉ.विवेक ने बताया कि उसके और डॉ योगिता के बीच पिछले सात साल से रिलेशनशिप थी। लेकिन आखिरी मुलाकात के दौरान कार में उनके बीच तीखी तकरार हुई। इसके बाद गुस्‍से में डॉ.विवेक ने डॉ.योगिता की गला दबाकर हत्‍या कर दी। लेकिन मुझे लगा कि गला दबाने के बाद भी मौत नहीं हुई है। डा.विवेक ने पुलिस को बताया कि वह कार में अक्‍सर एक चाकू रखता है। गला दबाकर डॉ. योगिता को माने के बाद उसने चाकू से भी उसके सिर पर वार किया। इसके बाद शव को झाड़ियों के बीच लकड़ियों से दबा दिया।

डॉ.योगिता ने रोते हुए घर पर किया था फोन-
गायब होने से पहले मंगलवार शाम को डा.योगिता ने दिल्ली अपने घर बात की थी। कहा था कि विवेक तिवारी उन्हें धमकी दे रहा है। वह बहुत रो रही थीं। इस कॉल के बाद उनकी मां आशा गौतम और भाई डॉक्टर मोहिंदर कुमार गौतम मंगलवार रात ही आगरा आ गए थे। वे बुधवार को एमएम गेट थाने पहुंचे थे। डॉक्टर विवेक तिवारी के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। शाम को डौकी में मिले शव की पहचान डॉक्टर योगिता गौतम के रूप में हुई थी। पुलिस ने अपहरण का मुकदमा हत्या की धारा में तरमीम कर दिया था। रात 11 बजे आगरा पुलिस ने डॉक्टर विवेक तिवारी को अपनी अभिरक्षा में लिया था। आगरा पुलिस की सूचना पर उसे जालौन पुलिस ने रात करीब आठ बजे पकड़ लिया था। पहले तो विवेक तिवारी ने आगरा पुलिस को बहुत घुमाया। पल-पल अपने बयान बदले। आगरा में सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने वारदात कबूल कर ली। उसने डॉक्टर योगिता के साथ मुरादाबाद के तीर्थंकर महावीर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया था। वह डॉक्टर योगिता से एक साल सीनियर था।

आखिरी मुलाकात के लिए तैयारी से आया था विवेक-
डॉक्टर विवेक तिवारी ने पुलिस को बताया कि वह योगिता से बेहद प्यार करता था। पिछले सात साल से उनके बीच गहरी दोस्ती थी। दोनों पहले शादी भी करना चाहते थे। उसने उस समय शादी से इनकार कर दिया था। योगिता से कहा था कि पहले अपनी बहन नेहा तिवारी की शादी करेगा। उसके बाद खुद शादी करेगा। डॉक्टर योगिता को लगता था कि वह उसे धोखा दे रहा है। इसलिए एक साल पहले योगिता ने उससे शादी से इनकार कर दिया था। उस समय बहुत झगड़ा हुआ था। उसने जैसे-तैसे उसे मना लिया था। बीच-बीच में उनके बीच काफी झगड़ा हुआ करता था। कुछ दिन पहले योगिता ने उससे बात करना तक बंद कर दिया था। उससे साफ बोल दिया था कि अब उससे कभी नहीं मिलना। वह गुस्से में था। इसलिए उससे आखिरी मुलाकात करने आया था।

चाकू और रिवाल्वर साथ लेकर आया था-
डॉक्टर विवेक ने पुलिस को बताया कि वह उरई से ही पूरी तैयारी के साथ आया था। मंगलवार को दिन में उसकी योगिता से कई बार बात हुई। उससे उससे कहा कि आखिरी बार मिलना चाहता है। इसके बाद उनके बीच कोई रिश्ता नहीं रहेगा। योगिता मिलने के लिए तैयार हो गई। वह कार से आया। सीधे नूरी गेट पहुंचा। योगिता पैदल घर से बाहर आई। उसकी कार में बैठ गई। दोनों के बीच कार में झगड़ा शुरू हो गया। प्रतापपुरा चौराहे तक दोनों के बीच खूब गाली-गलौज हुआ। मारपीट तक हुई। फतेहबाद रोड आते ही उसने योगिता के जोर का घूंसा मारा। वह सिर नीचे करके बैठ गई। इसी दौरान पीछे से उसके सिर में गोली मार दी। कार को फतेहाबाद मार्ग पर चलाता गया। वह बच नहीं जाए इसलिए चाकू से भी प्रहार किया। उसके बाद शव को बमरौली कटारा में फेंककर भाग गया। रात दस बजे के आस-पास योगिता की मां ने उसे फोन करना शुरू किया। वह घबरा गया। उसे लगा कि पकड़ा जाएगा। बाद में उसने यह कहकर नाटक किया कि उसकी योगिता से मुलाकात नहीं हुई थी। वह तो उरई में ही है। हत्या के बाद वह सीधे उरई लौट आया। रात में ही कार को कानपुर रखकर आया। दूसरे दिन फिर उरई आ गया। पिता की रिवाल्वर किदवई नगर, कानपुर स्थित घर में ही छिपाई है।

आगरा में इंस्पेक्टर रहे हैं विवेक के पिता
डॉक्टर विवेक तिवारी के पिता वीके तिवारी आगरा के सदर, लोहामंडी थाने में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात रहे हैं। वह आगरा से ही पदोन्नति पर बाहर गए थे। डिप्टी एसपी बन गए थे। सेवानिवृत्ति के कुछ समय बाद उनका देहांत हो गया। आगरा में तैनाती के दौरान वीके तिवारी ने अपनी अलग छाप छोड़ी थी। उनकी छवि मददगार पुलिस इंस्पेक्टर की थी।