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March 29, 2024
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दिल्ली: अब केजरीवाल और सिसोदिया पर शिकंजा कसने की तैयारी

  • February 21, 2018
  • 1 min read
दिल्ली: अब केजरीवाल और सिसोदिया पर शिकंजा कसने की तैयारी

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ सीएम हाउस में हुई कथित बदसलूकी व मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर ‘शिकंजा’ कसने की प्रक्रिया में जुट गई है। दोनों तक पहुंचने वाली अहम कड़ी वी. के. जैन को दिल्ली पुलिस ने सुबह हिरासत में लिया। उनसे 3 घंटे पूछताछ की गई और फिर छोड़ दिया गया। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने शिकायत में कहा था कि वी. के. जैन ने उन्हें सोमवार रात 8 से 11:20 बजे के बीच चार फोन करके आधी रात 12 बजे सीएम हाउस बुलाया था। इसी सिलसिले में जैन को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि शिकायत में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने साजिश का जिक्र किया है और यह कहा है कि वहां मौजूद सभी लोग साजिश का हिस्सा हैं इसलिए वी. के. जैन जांच के दृश्य से सबसे अहम व्यक्ति हैं, जो इस साजिश के बारे में खुलासा कर सकते हैं। पुलिस अब जैन से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की भूमिका का पता लगाने की दिशा में पूछताछ कर रही है।

जैन को गवाह बनाया जा सकता है –
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अंशु प्रकाश के आरोपों में सीएम अरविंद केजरीवाल और डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया पर भी उंगलियां उठाई गई हैं। मारपीट का आरोप विधायक प्रकाश जारवाल और अमानतुल्ला खान पर है।
शिकायत के अनुसार रिटायर्ड आईएएस वी. के. जैन, जो फिलहाल सीएम के अडवाइजर हैं, को आरोपी के बजाय गवाह बनाने पर जोर दिया जाएगा। अगर पूछताछ में ऐसा सामने आता है कि जैन की सलाह पर ही सीएम और डेप्युटी सीएम ने आधी रात को मीटिंग बुलाई थी, तो उन्हें आरोपी भी बनाया जा सकता है।

पूछताछ के 5 अहम सवाल-
वी. के. जैन से जो पूछताछ की जा रही है, उसमें एक सवाल यह बन रहा है कि आधी रात को मुख्य सचिव को सीएम हाउस किसके कहने पर बुलाया गया?रात 8 से लेकर 11:20 बजे तक 4 फोन करने की क्या जरूरत आ गई थी? आधी रात को ही मीटिंग क्यों बुलाई गई थी, जबकि मुख्य सचिव ने कहा था कि मीटिंग अगली सुबह भी बुलाई जा सकती है? मुख्य सचिव का कहना है कि उन्हें विज्ञापन से जुड़े मुद्दे की बात कह कर मीटिंग के लिए बुलाया गया था लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से कहा गया है कि मीटिंग राशन के विषय में बुलाई गई थी? सच क्या है? अगर राशन से जुड़े मसले पर मीटिंग बुलाई गई थी तो क्या फूड ऐंड सप्लाई विभाग के मंत्री इमरान हुसैन को भी मीटिंग के लिए बुलाया गया था?

चार्जशीट की तैयारी-
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की शिकायत के अनुसार और खुद मुख्यमंत्री व उप-मुख्यमंत्री द्वारा मीडिया में दिए बयानों से स्पष्ट है कि घटना के समय दोनों उसी कमरे में मौजूद थे। इतना भी साफ है कि अंशु प्रकाश बाद में पहुंचे हैं जबकि मामले से जुड़े अन्य लोग पहले से सीएम हाउस के उस कमरे में थे। बदसलूकी के समय सीएम और डेप्युटी सीएम का वहां मौजूद होना और किसी तरह का बीच-बचाव नहीं करना, दोनों को संदेह के घेरे में ला रहा है। एडवाइजर का बार-बार फोन करके पीड़ित को बुलाना भी साजिश की आशंका को मजबूत कर रहा है।
यह मामला राजनीति से जुड़ा है इसलिए पुलिस फिलहाल सीएम और डेप्युटी सीएम के खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही में जल्दबाजी नहीं करना चाहेगी। बगैर कानूनी सलाह के भी कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। अभी इस पर विचार किया जा रहा है कि सीएम व डेप्युटी सीएम की भूमिका के बारे में चार्जशीट में विस्तार से जिक्र किया जाएगा और आगे का निर्णय अदालत पर छोड़ा जाएगा कि भूमिका के आधार पर उनके खिलाफ किस तरह की कानूनी कार्यवाही बनती है?

पीडब्ल्यूडी से मांगी सीएम हाउस में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज-
दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात सीएम हाउस के अंदर हुई घटना को लेकर पीडब्ल्यूडी से सीसीटीवी कैमरों की फुटेज मांगी है। पुलिस का कहना है कि फुटेज के आधार पर पता लगाया जाएगा कि सोमवार शाम या रात को सीएम हाउस में विधायक प्रकाश जरवाल, अमानतुल्ला खान, डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया आदि कितने बजे आए थे। उसके बाद अंशु प्रकाश कितने बजे पहुंचे और कितने बजे निकले। जिस कमरे के अंदर सारा वाकया हुआ, क्या वहां भी सीसीटीवी कैमरा था? अगर था तो फुटेज ली जाएगी और अगर नहीं तो कमरे के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज हासिल की जाएगी। सीसीटीवी फुटेज जांच की दृष्टि से काफी अहम है और उसके आधार पर आरोप के घेरे में आए सभी लोगों की भूमिका का पता लग सकता है और पीड़ित की वास्तविकता का भी?

क्या कहते हैं कानून के जानकार-
भारत सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल ऐडवोकेट संजीव यादव का कहना है कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने शिकायत में साजिश की बात लिखी है और लिखा है कि जिस समय उनके साथ बदसलूकी व मारपीट की गई, उस समय सीएम और डेप्युटी सीएम भी वहां थे। सीएम ने विधायकों के सवालों का जवाब देने के लिए कहा। पुलिस ने इस मामले में साजिश की धारा लगाई है, जिसके दायरे में कमरे के अंदर मौजूद सभी लोग आते हैं। अब पुलिस जांच पर निर्भर करता है कि इस पूरे मामले में सीएम और डेप्युटी सीएम की क्या भूमिका निकल कर आती है।

केंद्र में चल रहा है विकल्पों पर विचार-
दिल्ली के चीफ सेक्रटरी अंशु प्रकाश के साथ कथित बदसलूकी को लेकर केंद्र में कई सवालों और विकल्पों पर विचार हो रहा है। केंद्र में तैनात अधिकारियों में भी भारी नाराजगी है। गृह मंत्रालय के अफसरों तक नाराजगी पहुंचाई गई है। कुछ अहम सवाल गृह मंत्रालय के अफसरों और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सामने रखे गए हैं। उनमें एक यह कि बिना किसी इमर्जेंसी के आधी रात को मीटिंग बुलाने का क्या औचित्य है? इससे लगता है कि इरादे सही नहीं थे। यह सवाल भी है कि सीएम की मौजूदगी में विधायकों द्वारा चीफ सेक्रटरी से सवाल करने का क्या औचित्य है? इस तरह के और भी सवाल हैं। सूत्रों का कहना है कि केन्द्र उपराज्यपाल अनिल बैजल की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। उसके बाद अपना अगला कदम तय करेगा। कल आईएएस असोसिएशन और सीएस अंशु प्रकाश ने परसों रात की घटना की जानकारी गृह मंत्री राजनाथ सिंह को दी थी। बताया गया कि सीएस के बायीं ओर विधायक प्रकाश जरवाल और दायीं ओर विधायक अमानुल्ला बैठै थे। हालांकि, ‘आप’ ने सीएस के सभी आरोपों को गलत बताया है, लेकिन गृह मंत्रालय के सामने जो स्थिति बयान की गई है और जिस तरह आईएएस अधिकारियों का दबाव है, तो गृह मंत्रालय को पूरे मामले पर काफी गंभीरता से विचार करना पड़ रहा है।
-एजेंसी