देश में एक ही काम है, लोग मर जाएँ लेकिन मोदी जी की छवि चमकती रहे, अपनी आंखें खोलने के लिए पढ़िए रवीश कुमार का यह आर्टिकल-
आज तक के एंकर रोहित सरदाना के निधन की ख़बर से स्तब्ध हूँ। कभी मिला नहीं लेकिन टीवी पर देख कर ही अंदाज़ा होता रहा कि शारीरिक रुप से फ़िट नौजवान हैं। मैं अभी भी सोच रहा हूँ कि इतने फ़िट इंसान के साथ ऐसी स्थिति क्यों आई। या इतनी तादाद में क्यों लोग अस्पताल पहुँच रहे हैं? क्या लोग अपने लक्षण को नहीं समझ पा रहे है, समझा पा रहे हैं या डाक्टरों की सलाह को पूरी तरह…