पढ़िए रक्षाबंधन के यह पौराणिक और ऐतिहासिक मायने-
मिठाइयाँ, ठिठोलियाँ, नोक-झोंक और असीम प्यार से भरा राखी का त्योहार सदियों से मनता आ रहा है। मुझे इस बात का अचम्भा होता है जब आजकल इस तरह की बातें कही जाती हैं कि यह पर्व भारतीय समाज की पैतृक व्यवस्था का प्रतीक है! जब तक हम अपने ही त्योहारों और मान्यताओं को बिना समझे यूं ही मनाते जाएंगे, तब तक इन पर न केवल अनगिनत सवाल उठेंगे, बल्कि उनके प्रति हमारे विचार और हमारी श्रद्धा दोनों डगमगाएंगे। रक्षाबंधन…