गंगा मैया से धोखे का धंधा करने से बाज नहीं आ रही BJP : अखिलेश यादव
लखनऊ | सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश महंगाई, बेकारी और बिगड़ी कानून-व्यवस्था का दूसरा नाम बनता जा रहा है। सीएए के विरोध में जगह-जगह आक्रोश की आग सुलग रही है। भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री को इसकी परवाह नहीं है। सरकार ने ‘गंगा यात्रा’ का नया इवेंट ईजाद कर लिया है। एक केंद्रीय मंत्री ने यात्रा को ‘अर्थ गंगा’ बताकर इसकी पोल खोल दी है। भाजपा गंगा मैया के साथ धोखे का धंधा करने से बाज नहीं आ रही।
सपा अध्यक्ष ने मंगलवार को यहां जारी बयान में कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने पूरे तीन साल तरह-तरह के लोकार्पण महोत्सवों के आयोजनों में ही बिताए। अपना काम तो किया नहीं, सिर्फ सपा सरकार के कामों को ही अपना बताती रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नमामि गंगे’ के नाम पर गंगा सफाई के लिए खजाना खोल दिया, पर गंगा मैली की मैली ही बनी हुई है। गंगा में नालों का गिरना बंद नहीं हुआ। दिखावे के लिए ही सफाई अभियान चले। सरकार ने प्रदेश के 56 मंत्रियों को गंगा यात्रा में लगा दिया। केंद्रीय मंत्री भी लगा दिए। प्रदेश में गंगा की लंबाई 1140 किमी. है लेकिन गंगा यात्रा 1338 किमी. निकाली जा रही है।
निर्मल गंगा के लिए कई ने अपनी जानें दे दीं, पर भाजपा सरकार की संवेदना नहीं जगी। कई गांव नदी की कटान में उजड़ गए, उनको मुआवजा नहीं मिला। दबंगों ने कश्यप समाज की गंगा किनारे की जमीनें कब्जा लीं। बिजनौर के देवलगढ़ राजा रामपुर गांव में दो लोग गंगा में डूबकर मर गए। स्थानीय लोग डेढ़ माह तक गंगा में खड़े होकर मृतकों को मुआवजा और गंगा पर पुल की मांग करते रहे, पर कुछ नहीं हुआ।
अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस यात्रा को गंगा की सफाई से जोड़ते हैं लेकिन इसका असल मकसद आस्था का झूठा प्रदर्शन कर बजट को खुर्द-बुर्द करना है। गंगा मैया के नाम पर धोखे का यह धंधा 1985 से चला जो 2000 में बंद हुआ। इस दौरान लगभग 900 करोड़ रुपये खर्च हुए। सन 2014 में भाजपा फिर गंगा सफाई में जुट गई।