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कन्नौज में 21 साल बाद जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट अनारक्षित, क्या BJP खिला पाएगी कमल ?

  • March 18, 2021
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कन्नौज में 21 साल बाद जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट अनारक्षित, क्या BJP खिला पाएगी कमल ?

कन्नौज | कन्नौज में जिला पंचायत अध्यक्ष पद केे लिए संशोधित आरक्षण लागू कर दिया गया। अब इस पद पर कोई भी चुनाव लड़ सकेेगा। 21 साल बाद यह सीट अनारक्षित हुई है। संशोधन से पहले सामान्य महिला के लिए यह पद आरक्षित किया गया था। नए आरक्षण से कई लोगों का फिर से गणित बिगड़ गया है। वहीं सियासी हलचल तेज हो गई। भाजपा, सपा, बसपा समेत विभिन्न राजनीतिक दल चुनाव लड़वाने के लिए रणनीति बनाने लगे हैं। जिले में इससे पहले साल 2000 में जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट अनारक्षित रही थी। पहली बार सामान्य आरक्षण होने पर सवाल यही है कि योगी सरकार में क्या भाजपा कमल खिला पाएगी ?

इसके बाद कभी पिछड़ा वर्ग तो कभी अनुसूचित जाति के खाते में सीट गई। इससे पहले लागू हुए आरक्षण में जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट सामान्य महिला घोषित हुई थी। पिछले आंकड़ों के मुताबिक जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर सपा का कब्जा ज्यादा रहा। जिला पंचायत गठन के बाद से अभी तक सात अध्यक्ष बन चुके हैं। पांच बार सपा, एक-एक बार राक्रंपा व बसपा का दखल रहा। भाजपा को एक भी मौका नहीं मिला। छह बार महिलाओं ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी संभाली है। साल 1998 में फर्रुखाबाद से कन्नौज के विभाजित होने पर जिला पंचायत का गठन किया गया। सपा से कप्तान सिंह पहले जिला पंचायत अध्यक्ष बने। इसके बाद साल 2000 में हुए चुनाव में सपा से पहली बार महिला उम्मीदवार ममता कनौजिया ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी संभाली। इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर महिलाओं का राज रहा।  

ऐसे जारी होता आरक्षण-
जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक का आरक्षण व आवंटन शासन जारी करता है। निदेशालय स्तर से प्रधान पदों का ब्लॉकवार आरक्षण घोषित होगा। डीएम जिला पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, बीडीसी, ग्राम पंचायत सदस्य व प्रधान का आरक्षण जारी करेंगे।