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March 29, 2024
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स्वामी अग्निवेश को नही देने दी PM वाजपेयी को श्रद्धांजलि, गुंडों ने की मारपीट, हिंदूवादियों के वहशीपन पर मीडिया खामोश !

  • August 18, 2018
  • 1 min read
स्वामी अग्निवेश को नही देने दी PM वाजपेयी को श्रद्धांजलि, गुंडों ने की मारपीट, हिंदूवादियों के वहशीपन पर मीडिया खामोश !

पूरे विश्व मे शांति और बंधुत्व की बात करने वाले भारत रत्न पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी सोचा नही होगा कि उनके ही अनुयायी एक निहत्थे और बेबस सन्यासी सन्त को पीटेंगे और जान लेने पर उतारू हो जाएंगे । लेकिन ऐसा ही हुआ देश के महान नेता अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु पर । निश्चित ही अटल जी की आत्मा बेचैन होगी और शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय के बाहर जो हुआ उसे देखकर शर्मशार भी होगी । जी, हां हमेशा शांति और सद्भाव के दूत रहे अटल बिहारी जी के देहावसान पर कुछ गुंडों ने (हिंसा करने वाले अटल जी के अनुयायी नही हो सकते) ने अटल जी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सन्त स्वामी अग्निवेश को दौड़ा लिया और मारपीट की । इतना ही नही गुंडों ने गाली गलौच करते हुए स्वामी अग्निवेश को बिना श्रद्धांजलि दिए हुए ही वापिस लौटने पर मजबूर कर दिया ।
https://youtu.be/0oOt5VdS3do

इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि स्वामी दयानंद सरस्वती की विचारधारा आर्यसमाज के महान संत को अटल जी के आखिरी दर्शन भी नसीब नही हो सके । झारखंड में उनके साथ मारपीट की घटना अभी शांत भी नही हुई थी कि अब नई दिल्ली में उनोर हमले ने उनकी सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं । जिस तरह से आर्यसमाज के प्रवर्तक पर हमला किया जा रहा है उसे किसी भी तरह से आने वाले दिनों में शुभ आंकेट नही कहा जा सकता । विचारों की कट्टरता बढ़ने से यह लोकतंत्र के लिए भी खतरे की घण्टी है ।

अटल जी की अंतिम यात्रा के दिन हुई घटना ने देश को स्तब्ध कर दिया है और पूर्व पीएम के सपनो के भारत निर्माण को भी चुनौती दी है । स्वामी अग्निवेश के साथ हुई घटना पर अभी तक भाजपा या भाजपा के किसी भी नेता ने खेद नही जताया है । हिंदूवाद कब चोले की आड़ लेकर निहत्थे सन्यासी के साथ यब वहशीपन आखिर कब तक चलेगा ?

विशेष बात यह है कि देश की मुख्यधारा का मीडिया भी हिंदूवाद के चोले में गुंडई कर रहे लोगों को लेकर खामोश है जो आने वाले दिनों में भारत के लिए बड़ी खतरे की घंटी है । आखिर हम आधुनिक भारत को कहां ले जाना चाहते हैं ?

– लेखक जियाउर्रहमान, व्यवस्था दर्पण के संपादक हैं ।