बेबाक, निष्पक्ष, निर्भीक
April 19, 2024
राष्ट्रीय

अमित शाह ने कहा 7.45 करोड़ छोटे कारोबारियों को कर्ज दिया गया

  • May 27, 2017
  • 1 min read
अमित शाह ने कहा 7.45 करोड़ छोटे कारोबारियों को कर्ज दिया गया

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि 7.45 करोड़ से अधिक उद्यमियों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कर्ज दिया गया है। उन्होंने कहा कि जूता सिलने, सैलून चलाने तथा साइकिल की मरम्मत जैसे काम करने वाले छोटे मोटे रोजगार और कारोबार के लिए मुद्रा योजना के तहत कर्ज दिये गये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘7.45 करोड़ से अधिक छोटे कारोबारियों को 3.17 लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज दिये गये हैं। इनमें से 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं।’’ करीब 18 प्रतिशत कर्ज प्राप्त करने वाले अनुसूचित जाति श्रेणी के, 4.5 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति जबकि 34 प्रतिशत पिछड़ी जाति के हैं। मुद्रा योजना के तहत 50,000 रुपये का कर्ज ‘शिशु’ योजना, 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक का कर्ज ‘किशोर’ और 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का कर्ज ‘तरूण’ के तहत दिया जाता है। शाह ने नरेंद्र मोदी सरकार की तीन साल की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए यह भी कहा कि बैंकों ने ‘स्टैंड अप इंडिया’ के तहत 4,699 करोड़ रुपये के 22,000 आवेदनों को मंजूरी दी है। अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) की 2015 में शुरूआत के बाद से 16 करोड़ से अधिक लोग इससे जुड़े जबकि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना के दायरे में तीन करोड़ लोग हैं। यह कम प्रीमियम वाली जीवन बीमा योजना है।

पेंशन योजना के संदर्भ में शाह ने कहा कि अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत अंशधारकों की संख्या करीब 53 लाख हो गयी है। बैंक शाखाओं तथा सीबएस युक्त डाकघरों के अलावा कुछ बैंक अपने इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल के जरिये भी लोगों को इस योजना से जोड़ रहे हैं। भाजपा प्रमुख ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली 2 करोड़ से अधिक महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन दिया गया है और 2019 तक पांच करोड़ महिलाओं को इस योजना के दायरे में लाने का लक्ष्य है। शाह ने कहा कि जहां तक बिजली क्षेत्र का सवाल है बिजली से वंचित 18,456 गांवों में 13,500 गांवों में बिजली पहुंचायी गयी।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 47,447 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के तहत पिछले तीन साल में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है। डीबीटी के दायरे में 92 योजनाओं को शामिल किया गया है।