AMU की महिला प्रोफ़ेसर का कथित अश्लील वीडियो वायरल, पुलिस जांच में जुटी
अलीगढ़ | एएमयू को एक बार फिर बदनाम करने की साजिश रची गयी है | एक महिला प्रोफ़ेसर का कथित अश्लील वीडियो चर्चा का विषय बन गया है लेकिन हकीकत जब सामने आई तो वो पोस्ट फर्जी निकला | अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की एक महिला प्रोफेसर का कथित अश्लील वीडियो बताकर रविवार शाम एक ट्विटर हैंडल से प्रोफेसर को लंबी छुट्टी पर भेजे जाने की खबर वायरल कर दी गई। यह पोस्ट जब छात्र नेताओं की जानकारी में आई तो कैंपस में खलबली मच गई। आनन-फानन में प्रॉक्टर कार्यालय के जरिये पुलिस से शिकायत की गई। साथ में पुलिस की सोशल मीडिया सेल को शिकायत विवादित पोस्ट के साथ टैग की गई है। हालांकि शिकायत के बाद पोस्ट हटा दी गई है और ट्विटर हैंडल का नाम बदल दिया गया है। मगर छात्रों ने उसके स्क्रीन शॉट जुटा लिए हैं।
वाकया रविवार दोपहर करीब तीन बजे एएमयू छात्र नेता फरहान जुबैरी के संज्ञान में आया। विनय जर्नलिस्ट नाम के ट्विटर हैंडल से महिला प्रोफेसर के नाम से यह पोस्ट की गई कि इनको एएमयू ने लंबी छुट्टी पर भेज दिया है। जुबैरी के अनुसार, इसके पीछे की वजह बताई की कि इनका अश्लील वीडियो वायरल हो रहा है। वह वीडियो भी पोस्ट में दिखाया गया। जिसे कैंपस में शूट किया जाना बताया। जब छात्र नेताओं ने उक्त महिला के विषय में जानकारी की तो ऐसा कुछ नहीं था। जुबैरी ने बताया कि देखने से साफ लग रहा कि वीडियो से महिला प्रोफेसर का कोई मतलब नहीं है। उन्हें जानबूझ कर किसी साजिश के तहत बदनाम करने के इरादे से इससे जोड़ा गया है। इस पर महिला प्रोफेसर की ओर से प्रॉक्टर कार्यालय में सिविल लाइंस थाने के लिए तहरीर दी गई। जिसमें बदनाम करने के इरादे से इस हरकत को करने का आरोप लगाया है। मुकदमा दर्ज करने का अनुरोध किया गया है।
जुबैरी ने बताया कि शिकायत तत्काल सोशल मीडिया सेल से ऑनलाइन की गई, जिसके बाद पोस्ट हटाते हुए ट्विटर हैंडल का नाम बदल दिया गया है। मगर, हमारे पास सबूत हैं। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस रविन्द्र दुबे ने तहरीर मिलने की बात स्वीकारी है। उन्होंने बताया कि सोमवार को एएमयू प्रशासन से इस पर जानकारी ली जाएगी। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इधर एएमयू प्रशासन ने भी मामले में आंतरिक जांच शुरू करा दी है। फरहान जुबैरी ने कहा है कि यह कैम्पस को बदनाम करने की साजिश हो सकती है। इसे बेनकाब कराया जाएगा।