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संस्कृति

इलाहाबाद : माघ मेले में कमिश्नर बोले, ‘भारत को एक सूत्र मे पिरोने का माध्यम हैं सांस्कृतिक कार्यक्रम’

  • January 15, 2018
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इलाहाबाद : माघ मेले में कमिश्नर बोले, ‘भारत को एक सूत्र मे पिरोने का माध्यम हैं सांस्कृतिक कार्यक्रम’

शशांक मिश्रा/ इलाहाबाद | मण्डलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल ने माघ मेला 2018 के दौरान सूचना विभाग उ.प्र. के सांस्कृतिक संवाद केन्द्र तथा प्रदर्शनी एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के सांस्कृतिक पण्डाल का उद्घाटन किया। सूचना विभाग उ.प्र. की दो बड़ी प्रदर्शनियां “तुलसी कथा रघुनाथ की” तथा “पुण्य पुष्प प्रयाग के”नाम से लगायी गयी है जो क्रमशः राम कथा और प्रयाग के सास्कृतिक गौरक का आख्यान करती है।

सूचना विभाग द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय के जीवन दर्शन पर आधारित अत्योदय प्रदर्शनी भी इसी पण्डाल में लगायी है, जो वर्तमान सरकार की अन्त्योदय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट करती है। सास्कृतिक संवाद के नाम से इस परिसर में बनाये गये सांस्कृतिक मंच पर उत्कृष्ट कोटि के सांस्कृतिक दल विभिन्न क्षेत्रीय विधाओं के माध्यम से उ.प्र. सरकार की स्वच्छता, बेटी बचाओ और साक्षरता आदि कार्यक्रमो को बढ़ावा दे रहे है। इस परिसर से सूचना विभाग उ.प्र. द्वारा साहित्य भी वितरत किया जा रहा है। मेले मे आये श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इस परिसर मे आ रही है। मण्डलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल ने इस परिसर का दीप जलाकर शुभारम्भ किया तथा प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सूचना विभाग के इस प्रयास से न केवल मेले को एक सांस्कृतिक वातावरण मिल रहा है बल्कि सरकार की नीतियों को प्रचार भी हो रहा है।

मण्डलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल ने परेड मेदान उत्तर मध्य क्षेत्र सास्कृतिक केन्द्र के भव्य सांस्कृतिक पण्डाल“चलो मन गंगा यमुना तीर” का भी आज गणेश पूजन करके उद्घाटन किया। उद्घाटन कार्यक्रम में उत्तर मध्य क्षेत्र सास्कृतिक केन्द्र के निदेशक इन्द्रजीत ग्रोवर ने मण्डलायुक्त का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। मण्डलायुक्त ने मंच पर दीप प्रज्जवलित करके सास्कृतिक कार्यक्रमों को शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मण्डलायुक्त ने गंगा और यमुना के पावन तट पर इस प्रकार के सास्कृतिक उत्सव आयोजित किये जाने के लिए उत्तर मध्य क्षेत्र सास्कृतिक केन्द्र के निदेशक और समस्त स्टाफ को बधाई दी तथा यह कहा कि यह केन्द्र अपने इन सांस्कृतिक प्रयासों से पूरे भारत को एक सूत्र मे पिरोने का कार्य करता है। उन्होंने यह अपेक्षा किया कि आगमी कुम्भ में यह केन्द्र और वृहद स्तर पर इस भूमि पर सांस्कृति आयोजन करेगा और प्रयाग की गरिमा को बढ़ायेगा।