चर्चाओं में AMU के पूर्व VC जमीरउद्दीन शाह की बॉयोग्राफी ‘दी सरकारी मुसलमान’
अलीगढ़ । सेना से लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी तक मे अपने अनुशासन और उसूलों के लिए विख्यात ले. जनरल जमीरउद्दीन शाह की ऑटो बॉयोग्राफी विमोचन से पहले ही चर्चाओं में है । आज कुछ घंटों बाद उनपर लिखी पुस्तक का विमोचन होगा उससे पहले ही पाठकों में उसे पढ़ने को लेकर उत्सुकता है। ‘दी सरकारी मुसलमान’ नाम की यह ऑटो बॉयोग्राफी मार्केट में आने से पहले ही चर्चा में है।
खास बात यह है कि इस पुस्तक में जनरल शाह ने गुजरात दंगे को लेकर कुछ ऐसी टिप्पणी की हैं, जिससे तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने पुस्तक में पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री एवं वर्तमान समय में केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा उनके साथ अच्छा सलूक नहीं किये जाने का उल्लेख भी किया है।
आज 13 अक्तूबर को नई दिल्ली स्थित इंडियन इंटरनेशनल सेंटर के सीडी देशमुख आडिटोरियम में ‘दी सरकारी मुसलमान’ का विमोचन पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी करने वाले हैं, लेकिन मार्केट में आने के पहले ही यह पुस्तक अलीगढ़ सहित पूरे देश में चर्चा में है। एक महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि जमीरउद्दीन शाह ने 2002 के गुजरात दंगे के समय के प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाया है।
दंगे के समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। 2002 के गुजरात दंगे के दौरान हिंसा से निपटने के लिए बुलाई गई सेना की टुकड़ी का नेतृत्व ले. जनरल जमीरउद्दीन शाह कर रहे थे। उन्होंने बताया कि 2002 के गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद पहुंची सेना को दंगे प्रभावित इलाकों में जाने के लिए पूरे एक दिन का इंतजार करना पड़ा। अगर उन्हें तुरंत यातायात की सुविधा उपलब्ध हो जाती तो सेना कुछ और जाने बचा सकती थी।
उन्होंने बताया कि 1 मार्च की सुबह 7 बजे सेना के तीन हजार जवान अहमदाबाद पहुंच गए, लेकिन राज्य सरकार द्वारा समय से ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं उपलब्ध कराई गई। जनरल शाह का कहना है कि ये तमाम बातें किताब में हैं। उन्होंने कहा कि दंगे के समय गुजरात में चीफ सेक्रेटरी नहीं थे। एक महिला आईएएस अफसर थीं। वो किसी से बात नहीं करती थी। एडमिनिस्ट्रेशन फेलियर था।
स्मृति ईरानी के व्यवहार पर भी टिप्पणी –
जनरल शाह ने किताब में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री (वर्तमान में कपड़ा मंत्री) स्मृति ईरानी द्वारा उनके साथ अच्छा सलूक नहीं करने का भी उल्लेख किया है। बकौल शाह केरल के मुख्यमंत्री के साथ स्मृति ईरानी से मिलना था। मैं थोड़ा विलंब से स्मृति ईरानी के आवास पर पहुंचा। केरल के मुख्यमंत्री स्मृति ईरानी से मिलने चले गए थे। उन्होंने एक आदमी को मुझे लाने के लिए छोड़ रखा था। जब मैं उस आदमी के साथ स्मृति ईरानी के सामने पहुंचा तो उनका सलूक अच्छा नहीं था। उन्होंने पूछा कि कौन हैं आप? यहां क्यों आएं हैं? किसने यहां आने का न्यौता दिया है आपको? कौन आपको तनख्वाह देता है.. जैसे सवाल मुझसे पूछे गए थे।
आज शाम से किताब ऑनलाइन साइट्स पर भी बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगी । अब देखना यह है कि किताब लोगों को कितनी पसंद आती है ।