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ब्राह्मणों को झटका # स्वतंत्र देव सिंह हो सकते हैं नये UP BJP अध्यक्ष : सूत्र

  • July 16, 2018
  • 1 min read
ब्राह्मणों को झटका # स्वतंत्र देव सिंह हो सकते हैं नये UP BJP अध्यक्ष : सूत्र

लखनऊ |भाजपा ने लोकसभा चुनावों के लिए कमर कस ली है और हर राज्य के लिए अलग रणनीति बनाई जा रही है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश भाजपा में एक बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। ओबीसी वोटरों पर अपनी पकड़ कायम रखने के लिए भाजपा ने तय किया है कि डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा कर उनकी जगह किसी ओबीसी नेता को प्रदेश में पार्टी की कमान सौंपी जाये। डॉ. पाण्डेय उत्तर प्रदेश की चंदौली सीट से लोकसभा सदस्य हैं। यह सीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लगी हुई है। डॉ. पाण्डेय प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री थे। उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। अब डॉ. पाण्डेय के बारे में माना जा रहा है कि उन्हें जल्द ही राज्यपाल बनाया जायेगा। इस बारे में पार्टी में शीर्ष स्तर पर फैसला लिया जा चुका है।

OBC समुदाय है बड़ी ताकत-
ओबीसी समुदाय ने पहले लोकसभा और फिर राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा का खूब साथ दिया। लेकिन हालिया कुछ उपचुनावों में भाजपा की हार के बाद पार्टी यह मान रही है कि ओबीसी समुदाय पार्टी से कुछ दूरी बनाने लगा है। ऊपर से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन ने भाजपा को अपनी रणनीति बदलने को मजबूर कर दिया है। अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ठाकुर हैं और प्रदेश अध्यक्ष ब्राह्मण है इसलिए पार्टी ओबीसी को आगे लाना चाह रही है। उल्लेखनीय है कि इस समुदाय की राज्य में 53 फीसदी आबादी है जिसमें यादवों की आबादी का प्रतिशत 8 है।

स्वतंत्र देव सिंह सबसे आगे-
जहां तक नये प्रदेश अध्यक्ष की बात है तो इसके लिए राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार में परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का नाम सबसे आगे है। स्वतंत्र देव सिंह का नाम पहले भी चला था लेकिन उस समय अन्य ओबीसी नेता केशव प्रसाद मौर्य को पार्टी की कमान सौंप दी गयी थी। केशव के नेतृत्व में पार्टी को विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक विजय मिली और वह योगी सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाये गये। भाजपा अध्यक्ष पद से उनके इस्तीफे के बाद डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय अध्यक्ष बनाये गये। डॉ. पाण्डेय के नेतृत्व में पार्टी ने निकाय चुनावों में तो अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन संसदीय और विधानसभा उपचुनावों में पार्टी को करारी हार मिली। पार्टी के नेता मानते हैं कि डॉ. पाण्डेय साफ छवि वाले नेता जरूर हैं लेकिन प्रदेश स्तर पर उनकी व्यापक पकड़ नहीं है। स्वतंत्र देव सिंह पार्टी के राज्य में महासचिव रह चुके हैं और जुझारू नेताओं में उनकी गिनती होती है। स्वतंत्र देव बुंदेलखण्ड से आते हैं और कुर्मी समुदाय से हैं।

ब्राह्मणों को झटका-
पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि डॉ. पाण्डेय को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जाना ब्राह्मणों के लिए झटका इसलिए नहीं है क्योंकि इस समुदाय से डॉ. दिनेश शर्मा राज्य सरकर में उपमुख्यमंत्री हैं और इसके अलावा समुदाय के कई अन्य लोग राज्य सरकार में मंत्री हैं। पार्टी संगठन में इस बड़े फेरबदल के साथ ही योगी सरकार में भी फेरबदल संभावित है। राज्य सरकार के उन मंत्रियों के पर कतरे जाना तय है जो सिर्फ बड़बोले बयानों में लगे रहते हैं या फिर जिनका कामकाज निराशाजनक रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि दो मंत्री इसलिए भी हटाये जाएंगे क्योंकि पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनावों में उतारने का निर्णय किया है।