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March 29, 2024
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स्वाति मालीवाल का अनशन जारी, मेडिकल जांच कराने से किया इनकार

  • April 16, 2018
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स्वाति मालीवाल का अनशन जारी, मेडिकल जांच कराने से किया इनकार

दिल्ली | महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का अनिश्चितकालीन अनशन आज चौथे दिन भी जारी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जहां स्वाति मालीवाल अनशन पर बैठी हैं, वहां भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। खबर यह भी है कि स्वाति मालीवाल ने मेडिकल जांच कराने से इनकार कर दिया है। आपको बता दें कि स्वाति बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों के लिए मृत्युदंड और ऐसे मामले छह महीने के अंदर निपटाने की मांग को लेकर अनशन पर हैं। रविवार को किन्नरों ने समता स्थल पहुंचकर स्वाति मालीवाल को समर्थन दिया। उन्होंने मालीवाल की मांगों का समर्थन करते हुए बलात्कारियों को फांसी देने की मांग की। उन्होंने उन्नाव और कठुआ की घटनाओं को घिनौना बताते हुए कहा कि दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। इनके अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के आंदोलन को समर्थन देने समता स्थल पहुंचे थे। केजरीवाल ने कहा कि वे यहां अपनी बेटी, पत्नी, मां, बहन व दिल्ली की महिलाओं की सुरक्षा के लिए आए हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं यहां अपनी बेटी की सुरक्षा के लिए आया हूं, क्योंकि मैं बाप हूं। उन्नाव व कठुआ की वारदात को शर्मनाक बताते हुए उन्होंने इनके संदेश को दिल दहला देने वाला बताया। केजरीवाल ने कहा कि बलात्कार करने वाला भाजपा का कोई नेता या समर्थक है तो उसे बचाने में प्रधानमंत्री से लेकर आम कार्यकर्ता तक लग जायेंगे। उन्होंने केंद्र से स्वाति मलीवाल की मांगों को तत्काल मानने की गुजारिश भी की।

उन्होंने कहा कि उन्नाव में जिस तरह पूरा पुलिस महकमा आरोपी को बचाता रहा और कठुआ में जिस तरह आरोपी के समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं, उसके संदेश दिल दहलाने वाले हैं। केजरीवाल ने कहा कि स्वाति की दो मांगें हैं। एक किसी बच्ची के साथ बलात्कार होता है तो दोषी को फांसी मिलनी चाहिए। दूसरी इस तरह के जघन्य मामलों की सुनवाई छह महीने में पूरी होनी चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि अगले विधानसभा सत्र में स्वाति मालीवाल की मांगों को पूरा करने के लिए आईपीसी व सीपीआरसी में संशोधन का बिल लाया जाएगा। इसे पास करके मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र से मांग की जाएगी कि सदन से पास कानून को मंजूर करे। केजरीवाल ने हाईकोर्ट से अपील की कि वह बताए कि दिल्ली में बलात्कार के सभी मामलों की छह महीने में सुनवाई पूरी करने के लिए कितने फास्ट ट्रैक कोर्ट व जजों की जरूरत है और इस पर खर्च कितना आएगा। दिल्ली सरकार तत्काल उतनी राशि का इंतजाम कर देगी, ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।