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कामरेड शम्भू सिंह की जन्मतिथि पर हुई विचार गोष्ठी, देश के राजनैतिक एवं सामाजिक भविष्य पर हुई ये चर्चा-

  • August 17, 2020
  • 1 min read
कामरेड शम्भू सिंह की जन्मतिथि पर हुई विचार गोष्ठी, देश के राजनैतिक एवं सामाजिक भविष्य पर हुई ये चर्चा-

अलीगढ़ । ज़मीं से जुड़े व तपे तपाए कम्युनिस्ट नेता तथा आजीवन नैतिक मूल्यों पर आधारित एक शानदार अधिवक्ता रहे काॅमरेड स्वर्गीय शम्भू सिंह जी का 97 वें जन्मदिवस पर एक विचार – गोष्ठी का आयोजन भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी कार्यालय, पान दरीबा स्टेशन रोड़ पर किया गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता कामरेड चन्द्र शेखर दीक्षित ने की ।

विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचारों से अवगत कराते हुए भाकपा जिला सचिव कामरेड मदीउर्रहमान सुहेब शेरवानी ने कहा कि कामरेड शम्भू सिंह जी एक जमींदार परिवार में जन्मे लेकिन जीवन भर किसानों व मजदूरों के लिए संघर्षरत रहे, 1974 में इगलास विधानसभा क्षेत्र से जुड़े होने के कारण पार्टी की ओर से चुनाव भी लड़े और बहुत ही मामूली गिनती के वोटों से हारे, उस दौर का वह चुनाव एक आंदोलन था,जो कि पूंजीवाद और जातिवाद के विरुद्ध एक इतिहास गढ़ अमर बन गया था। आज के समय में भी इसी प्रकार के जन आंदोलन की महति आवश्यकता है क्योंकि सरकार के सामने विपक्ष आज नदारद है और जनता विकल्प देख रही है। मौजूदा लोकतांत्रिक संसाधनों पर सरकार ने कब्ज़ा कर लिया है, विपक्ष द्बारा एतराज जताने वाले मूल अधिकारों को कुचला जा रहा है और जनता को धार्मिक भावनाओं के रंग में डुबोकर मानसिक गुलाम बनाया जा रहा है।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री रूही जुबेरी एडवोकेट ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टियों ने हमेशा धर्मनिरपेक्षता को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है और आजादी के बाद से लगातार धर्मनिरपेक्ष सरकारों को बनाने में सहयोग प्रदान किया है। काॅमरेड शम्भू सिंह एडवोकेट अपने वकालत के पेशे से गरीबों की लड़ाई लड़ते थे और जीवन भर किसानों व मजदूरों से फीस नहीं ली,बल्कि कचहरी से गांव जाने के लिए किराया भी अपनी जेब से देते थे।

एतशाम बेग व रनवीर सिंह ने कहा कि कामरेड शम्भू सिंह एडवोकेट ने 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन के अमर शहीद अमानी सिंह की मूर्ति स्थापना में सक्रिय रहे, इगलास क्षेत्र में घर घर में उनकी लोकप्रियता थी। शहर के युवा नेता जियाउर्रहमान एडवोकेट ने कहा कि धर्म और जाति की हवा को जिस तरह से देश मे बढ़ावा दिया जा रहा है, युवा एवं छात्रराजनीति को जिस तरह से रोकने के प्रयास हो रहे हैं वो भविष्य के लिए खतरनाक है । सामाजिक तानाबाना और सद्भाव तोड़कर देश की अखंडता को तोड़ने का प्रयास हो रहा है। एकजुट होकर इसके खिलाफ आवाज उठानी होगी और आजादी को बचाये रखने के लिए खुलकर बोलना होगा ।

अध्यक्षीय उद्बोधन में कामरेड चंद्र शेखर दीक्षित ने कहा कि बाबूजी शम्भू सिंह ने अपनी वकालत करते हुए कोर्ट में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ 16 दिन की एतिहासिक भूख हड़ताल की, जिसमें हाई कोर्ट के बार ने उनका अभिनंदन किया था। शम्भू सिंह जी भारत और रूस के आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के पक्षधर थे और अपने जीवन में रुस सहित अनेक कम्युनिस्ट देशों द्बारा बुलाकर सम्मानित किया गया था।
विचार गोष्ठी आयोजन के संयोजक एवं कामरेड शम्भू सिंह एडवोकेट मैमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष ब्रजराज सिंह राना ने कहा कि बाबूजी शम्भू सिंह एडवोकेट जी ने इगलास क्षेत्र में स्थित तलेसरा हाई सैकेंडरी स्कूल व लगसमा इंटर कॉलेज के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई और उनका सपना था कि इस क्षेत्र में डिग्री कालेज की स्थापना भी हो।आने वाले समय में लगसमा व इगलास क्षेत्र के विकास के लिए कामरेड शम्भू सिंह एडवोकेट जी के बताए माॅडल पर चलकर ही कार्य किया जाएगा।

इस अवसर पर माकपा जिला सचिव इदरीस मौहम्मद, युवा नेता जियाउर्रहमान, जियाउद्दीन राही, यूथ कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष आनंद बघेल, रामबाबू गुप्ता, आदित्य राना, अनुराग पूनिया प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। संचालन कामरेड रंजन राना ने किया।