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बिना #UPSC परीक्षा सीधे 10 ज्वाइंट सेक्रेटरी चुनेंगे मोदी, #संविधान और #आरक्षण को #अँगूठा !

  • June 12, 2018
  • 1 min read
बिना #UPSC परीक्षा सीधे 10 ज्वाइंट सेक्रेटरी चुनेंगे मोदी, #संविधान और #आरक्षण को #अँगूठा !

आज के दिन को भारत के सामाजिक लोकतंत्र के इतिहास के कलंकित दिन के तौर पर याद किया जाएगा. आज पहली बार भारत सरकार ने एक विज्ञापन जारी करके कहा है कि सरकारी नीति बनाने के लिए वह अफसरों की बगैर किसी परीक्षा के नियुक्ति करेगी. विज्ञापन में साफ लिखा है कि ये अफसर निजी क्षेत्र या विदेशी कंपनियों से भी हो सकते हैं. इन नियुक्तियों में SC, ST, OBC, PH आरक्षण समेत किसी संवैधानिक नियमों का पालन नहीं होगा. यह विज्ञापन कई अखबारों में आज छपा है. टाइम्स ऑफ इंडिया के दिल्ली एडिशन में आप इसे पेज 11 पर देख सकते हैं. इसे आप सरकारी नौकरियों में आरक्षण की समाप्ति की दिशा में अब तक का सबसे बड़ा कदम मान सकते हैं. यह जो हो रहा है, वह आज तक कभी नहीं हुआ.

विज्ञापन में क्या है?
विज्ञापन बता रहा है कि केंद्र सरकार नीतियां बनाने वाले पद यानी ज्वांट सेक्रेटरी के 10 पोस्ट सीधे भरेगी. इसके लिए कोई परीक्षा नहीं होगी. ये पद 10 मंत्रालयों को चलाएंगे.
https://www.youtube.com/watch?v=6mQKoBcaMMg

ऐसा करके सरकार संविधान के कई अनुच्छेदों का सीधा उल्लंघन कर रही है. अनुच्छेद 15 (4) का यह सीधा उल्लंघन है, जिसमें प्रावधान है कि सरकार वंचितों के लिए विशेष प्रावधान करेगी. अनुच्छेद 16 (4) में लिखा है कि सरकार के किसी भी स्तर पर अगर वंचित समुदायों के लोग पर्याप्त संख्या में नहीं हैं, तो उन्हें आरक्षण दिया जाएगा. ज्वांयट सेक्रेटरी लेबल पर चूंकि SC,ST, OBC के लोग पर्याप्त संख्या में नहीं हैं, इसलिए उनकी नियुक्ति में आरक्षण न देने का आज का विज्ञापन 16(4) का स्पष्ट उल्लंघन है.

अनुच्छेद 15 और 16 मूल अधिकार हैं. यानी भारत सरकार नागरिकों के मूल अधिकारों के हनन की अपराधी है. इसके अलावा संविधान के अनुच्छेद 315 से 323 में यह बताया गया कि केंद्रीय लोक सेवा आयोग यानी UPSC होगा, जो केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों को नियुक्त करेगा.

ऐसे में सरकार UPSC को बाइपास करके और बगैर किसी परीक्षा और आरक्षण के अफसरों को सीधे नीतिगत पदों पर नियुक्त कैसे कर सकती है?
मेरा निवेदन है कि यह मामला जटिल है. लेकिन बहुत बड़ा है. आम जनता को इसे समझाने के लिए बहुत मेहनत लगेगी, तभी वह सरकार पर दबाव डालने के लिए आगे आएगी. यह काम समाज के प्रबुद्ध यानी पढ़े-लिखे लोगों का है.
https://www.youtube.com/watch?v=W4u2k9ewD_Q

कृपया संविधान को बचाइए. आरक्षण अपने आप बच जाएगा.
अगर आज सरकार ज्वायंट सेक्रेटरी की नियुक्ति बिना परीक्षा और बिना आरक्षण के कर ले गई, तो आगे चलकर क्या हो सकता है, आप इसकी कल्पना कर सकते हैं. बीजेपी-आरएसएस आरक्षण खत्म करने की घोषणा कभी नहीं करेगी. वह ऐसे ही शातिर तरीके से आरक्षण को बेअसर कर देगी. फिर आपको भी लगेगा कि आरक्षण से कुछ होता तो है नहीं. इसके बाद की कहानी आप समझते ही हैं.
2. केंद्र सरकार में नीति बनाने वाले उच्च पदों पर पहली बार बिना आरक्षण और बिना परीक्षा की हो रही नियुक्ति से देशहित को गंभीर खतरा है।

सरकार द्वारा आज जारी विज्ञापन की आखिरी लाइन देखिए।
ये नौकरियां विदेशी कंपनियों में काम करने वालों के लिए खोल दी गई है। विदेशी कंपनी का अफसर रिश्वत खिलाकर सरकार में घुसेगा। पांच साल सरकार की सूचनाएं अपनी कंपनी को लीक करेगा। अपनी कंपनी के लिए सरकारी नीतियां बनाएगा और पांचवें साल में विदेश लौट जाएगा।

कोई उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा।

– दिलीप मंडल वरिष्ठ पत्रकार हैं।