पद के चक्कर में मां ने नकारा तीसरे बच्चे को , DNA टेस्ट में खुला राज
कभी-कभी जीवन में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि लोगों के समक्ष धर्मसंकट उत्पन्न हो जाता है उस चक्कर में कई बार उनको झूठ का सहारा लेना पड़ता है ऐसे ही एक मामले में महाराष्ट्र में पंचायत चुनावों में दो बच्चों के कानून में फंसी मां ने अपनी ग्राम पंचायत सदस्यता बचाने के लिए अदालत में तीसरे बच्चे की मां होने से इनकार कर दिया दरअसल महाराष्ट्र में नियम के मुताबिक यदि किसी के दो से अधिक बच्चे हैं तो वह पंचायत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाता है
इस कानून के चलते महिला ने तीसरे बच्चे की बात को नकार दिया मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट के आदेश के बाद डीएनए टेस्ट हुआ उसमें साबित हो गया कि वह उस तीसरे बच्चे की भी मां है रिपोर्ट में साबित होने के बाद कोर्ट ने उस महिला को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया
मामला महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के चिंचोड़ी गांव के पंचायत चुनाव का है नासिक के एडिशनल कमिश्नर के पास ग्राम पंचायत सदस्य अनीता एकनाथ हटकर का मामला पहुंचा उनके खिलाफ शिकायत थी कि उनके तीन बच्चे हैं और इस कारण नियमों के मुताबिक वह इस पद के अयोग्य हैं एडिशनल कमिश्नर ने साक्ष्यों के आधार पर हटकर को अयोग्य करार दिया अनीता ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की उसके बाद पद की खातिर शुरू से अपने तीसरे बच्चे को नकारने पर अड़ी अनीता ने सुप्रीम कोर्ट तक मुकदमा लड़ा शीर्ष अदालत में भी उसने यही तर्क दिया कि वह बच्चा उसका नहीं है उसने यहां तक कह दिया कि वह यह साबित करने के लिए डीएनए टेस्ट कराने को भी राजी है लिहाजा कोर्ट ने टेस्ट का आदेश दिया और उसमें साबित हो गया कि वह बच्चा अनिता का ही है साबित होने के बाद कोर्ट ने उसके अयोग्य ठहराए जाने के फैसले पर मुहर लगा दी