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नई दिल्ली : होटल में आग से अबतक 17 की दर्दनाक मौत, केजरीवाल सरकार मृतकों के परिवार की करेगी 5-5 लाख की मदद

  • February 12, 2019
  • 1 min read
नई दिल्ली : होटल में आग से अबतक 17 की दर्दनाक मौत, केजरीवाल सरकार मृतकों के परिवार की करेगी 5-5 लाख की मदद

नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी के करोलबाग इलाके में स्थित होटल अर्पित पैलेस में मंगलवार सुबह भीषण आग लगने से 17 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में तीन लोग बुरी तरह झुलस गए, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। सभी की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों में 10 पुरुष, छह महिलाएं और एक बच्चा शामिल हैं। इनमें अब तक 13 की ही पहचान हो पाई है, जिनमें अधिकतर केरल के थे। हादसे में म्यांमार से आए एक पर्यटक और हरियाणा के पंचकूला निवासी आइआरएस अधिकारी सुरेश कुमार की भी जान चली गई। ज्यादातर मौतें धुएं से दम घुटने, जलने और बचने के लिए होटल से कूदने के कारण हुई। इस दौरान दमकल विभाग, आपदा प्रबंधन और पुलिस टीम ने आग में फंसे 35 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है।

करोलबाग थाना पुलिस ने होटल मालिक राकेश गोयल उर्फ पटवारी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही होटल के महाप्रबंधक राजेंद्र और प्रबंधक विकास को गिरफ्तार कर लिया गया है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए तीन अलग-अलग अस्पतालों में रखा गया है। घटना के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी सहित अन्य नेता व अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। दिल्ली सरकार ने मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रत्येक मृतक के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।

दमकल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंगलवार सुबह 4:35 बजे उन्हें आग की सूचना मिली। तुरंत मौके पर दमकल की 26 गाड़ियां रवाना कर दी गई। होटल अर्पित पैलेस पहुंचने पर पता चला कि वह पांच मंजिला है। होटल से आग की लपटें निकल रही थी, काफी धुआं भरा हुआ था। निचले तल पर फंसे लोगों ने तो भागकर जान बचाई, लेकिन काफी संख्या में लोग ऊपर के तल पर फंसे हुए थे। पुलिस और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ) की टीम के साथ मिलकर उन्होंने बचाव कार्य शुरू किया। बहुमंजिला इमारत होने के कारण दो हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म (क्रेन) के जरिये होटल की खिड़कियों के शीशे तोड़कर लोगों को बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू की गई। इसी बीच जान बचाने के लिए तीन लोग छत से नीचे कूद गए, जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। बाद में 17 अन्य को होटल से निकालकर विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाया गया। कुल गंभीर 20 लोगों में से 13 को राम मनोहर लोहिया अस्पताल, तीन-तीन को बीएल कपूर व लेडी हार्डिग अस्पताल और एक को सर गंगा राम अस्पताल में ले जाया। इनमें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डॉक्टरों ने सभी 13 घायलों को मृत घोषित कर दिया। बीएल कपूर और लेडी हार्डिंग अस्पताल में भी दो-दो लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। बाकी का इलाज चल रहा है। 38 कमरों में मौजूद थे देशी-विदेशी पर्यटकअधिकारी ने बताया कि करीब 400 वर्गमीटर में निर्मित होटल में 46 कमरे हैं। इनमें 38 कमरों में देशी-विदेशी पर्यटक मौजूद थे, जबकि करीब 25 होटलकर्मी थे।

https://youtu.be/J8v93i7e0eI

होटल में अवैध बार और रेस्तरां चल रहे थे। आग लगी तो धुआं फैलने से कमरों में सो रहे लोगों का दम घुटने लगा। दीवारों पर लकड़ी का काम होने, कमरों के बीच की दीवार फाइबर से बनी होने और छत पर फाइबर शीट लगाकर अवैध निर्माण किए जाने के कारण आग काफी तेजी से बढ़ी। होटल पूरी तरह शीशे की खिड़कियों से बंद था। इससे अपने-अपने कमरों से बाहर निकले लोगों को बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिला। सभी लोग भागकर छत पर चले गए। तब तक आग की लपटें छत तक पहुंच गई। छत पर फाइबर की शीट धधक उठी। जान बचाने के लिए तीन लोग छत से नीचे कूद गए। अन्य लोग नीचे की ओर भागे, लेकिन आग और धुएं की चपेट में आकर अचेत हो गए।

चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया कि साढ़े तीन घंटे तक बचाव अभियान चला। सुबह 7.10 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया था, सुबह 8 बजे आग पूरी तरह बुझ जाने की घोषणा की गई। बाद में दमकल, पुलिस और एनडीआरएफ के सदस्यों ने सर्च अभियान चलाया और शवों को बाहर निकाला। एक कमरे में मां-बेटे का शव मिला। मां बच्चे को गोद में ली हुई थी। कई लोग एक-दूसरे को पकड़े हुए मृत मिले।