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April 16, 2024
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महाराष्ट्र में कुर्सी बचाने के लिए नमो की शरण में ‘सरकार’

  • April 30, 2020
  • 1 min read
महाराष्ट्र में कुर्सी बचाने के लिए नमो की शरण में ‘सरकार’

मुंबई | महाराष्ट्र में कोरोना के मामले सबसे ज्यादा हैं, राज्य की स्थिति भी धीरे-धीरे बिगड़ रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तमाम कोशिशों को बावजूद संक्रमण और मौतों के मामले में महाराष्ट्र देश में नंबर वन बना हुआ है। उद्धव ठाकरे ने बीते दिनों अपने संबोधन में शेयर भी किया है कि मौजूदा हालात को लेकर उनके मन में क्या चल रहा है – ‘जो युद्ध चल रहा है, उसका इंतजार कर रहा हूं कब खत्म होगा? अगर ये शत्रु दिखता तो उसका हम कब का खात्मा कर चुके होते – लेकिन ये दिखता नहीं है… शत्रु दिख नहीं रहा है, युद्ध कब तक खत्म होगा ये सवाल मेरे मन में भी है।

https://www.youtube.com/watch?v=3EWOZkWY6rY

लेकिन दूसरा सवाल जो उनके मन में कई दिनों से चल रहा था और जिसे साझा करना उनके लिए काफी मुश्किल भरा रहा। आखिरकार वो उन्होंने साझा करना ही मुनासिब समझा वो भी निवेदन के रुप में। अक्सर देश की जनता से अपने मन की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कुर्सी खोने के जज्जबात को सामने रखा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 28 अप्रैल की रात में फोन किया। खबर है कि उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी को महाराष्ट्र की संवैधानिक स्थिति को लेकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया। वैसे तो ये काम अमूमन राज्य के राज्यपाल का होता है और वो ऐसा कर भी रहे होंगे। लेकिन ये ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है कि उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से क्या बात की होगी, सवाल, दरअसल, ये है कि आखिर उद्धव ठाकरे द्वारा पीएम मोदी को फोन करने की नौबत आई क्यों?

https://www.youtube.com/watch?v=IrrfYvGtf4U

दरअसल, 28 मई को उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बने छह महीने पूरे हो जाएंगे, लेकिन अभी तक वो महाराष्ट्र के दोनों सदनों में से किसी के सदस्य नहीं बन पाये हैं। जिसके बाद से उद्धव ठाकरे के कुर्सी पर बने रहने को लेकर असमंजस का दौर भी शुरू हो चुका है। वित्त वर्ष को तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन महीने का एक्सटेंशन दे दिया है – लेकिन उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बने रहने की छह महीने की शर्त यूं ही तो बढ़ायी नहीं जा सकती। महाराष्ट्र कैबिनेट ने उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को दोबारा प्रस्ताव पारित कर भेजा है और महाराष्ट्र कैबिनेट एक प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजने पर विचार कर रहा है।

https://www.youtube.com/watch?v=GBLLXz9aiIs

कुर्सी पर मंडराते खतरे को देखते हुए शिवसेना ने अपनी पुरानी अकड़ को दरकिनार करते हुए पीएम मोदी से फरियाद की और राज्य कैबिनेट के उन्‍हें विधान परिषद में नामित करने के फैसले के बारे में भी बताया। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पीएम मोदी ने आश्‍वासन दिया है कि वह इस मामले को देखेंगे।