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March 29, 2024
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फिजूलखर्ची में काफी आगे हैं गोरखपुर का कंगाल नगर निगम

  • May 12, 2018
  • 1 min read
फिजूलखर्ची में काफी आगे हैं गोरखपुर का कंगाल नगर निगम

गोरखपुर | कंगाली के दौर से गुजर रहा नगर निगम फिजूलखर्ची और शाहखर्ची में काफी आगे हैं। महापौर, नगर आयुक्त के लिए नई लक्जरी गाड़ी की खरीद का मामला हो या फिर शास्त्री चौराहे का चंद महीने बाद ही दोबारा सुंदरीकरण का। ठेकेदारों का 70 करोड़ से अधिक का बकायेदार नगर निगम जरूरी कार्य कराने की भी स्थिति में नहीं है। नगर निगम के नये बोर्ड ने इस भरोसे के साथ शपथ लिया था कि वह शहर का समग्र विकास करेगा और फिजूलखर्ची भी नहीं करेगा। लेकिन चंद महीने में ही सभी नियमों को तोड़ा जाने लगा। कार्यकारिणी और नगर निगम बोर्ड की शुरूआती बैठकों में पार्षदों और अधिकारियों के भोजन की व्यवस्था को इस दावे के साथ खारिज किया गया था कि इसमें बेवजह का खर्च हो जाता है। लेकिन 8 मई को हुई बोर्ड की बैठक में पार्षदों के लिए नाश्ते के साथ भोजन की भी व्यवस्था की गई।

पिछली बोर्ड में शास्त्री चौराहे के सुंदरीकरण पर करीब 65 लाख रुपये खर्च किया था। चंद महीने बाद ही पुराने निर्माण को तोड़ कर नये सिरे से सुंदरीकरण का कार्य शुरू हो गया। करीब 85 लाख रुपये खर्च कर प्रस्तावित सुंदरीकरण नगर निगम बोर्ड फंड से होना था। 70 करोड़ के बकाये के चलते कोई ठेकेदार काम लेने को तैयार नहीं था। नतीजनत, अवस्थापना निधि की बैठक में प्रस्ताव मंजूर कर टेंडर निकाला गया। कार्यकारिणी में भाजपा पार्षद बृजेश सिंह उर्फ छोटू ने सुंदरीकरण को लेकर सवाल पूछा तो जिम्मेदार जवाब देने से बचते नजर आए। बिछिया जंगल तुलसीराम में पिछली कार्यकारिणी में स्थानीय पार्षद ने घटिया सड़क निर्माण का मुद्दा कार्यकारिणी में उठाया। पूर्व महापौर ने जांच बिठा दी लेकिन जिम्मेदारों ने पार्ट पेमेंट के नाम पर 22 लाख रुपये ठेकेदार को भुगतान कर दिया। ऐसे में न तो सड़क ही ठीक बनी न ही दोषी ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्यवाही ही हुई।

पूर्व महापौर डॉ.सत्या पांडेय एम्बेस्डर कार से चलती थीं लेकिन नई बोर्ड में महापौर के लिए नई इनोवा गाड़ी खरीदी गई। इतना ही नहीं नगर आयुक्त के लिए भी नई इनोवा खरीदी गई। लक्जरी गाड़ी की खरीद पर 35 लाख से अधिक खर्च हुए हैं। पुरानी इनोवा से अपर नगर आयुक्त चल रहे हैं। सपा पार्षद अशोक यादव आरोप लगाते हैं कि अफसरों के कमरों में पुरानी एसी ठीक से काम कर रही थी लेकिन हजारों रुपये खर्च कर नई एसी खरीदी जा रही है। जब विकास कार्य के लिए धन नहीं है तो शाहखर्ची क्यो की जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आगमन को लेकर नगर निगम ने दो वर्ष पहले मोहद्दीपुर से एयरपोर्ट और देवरिया रोड सड़क की साइड पटरी पर एक करोड़ रुपये खर्च कर इंटरलाकिंग कर दी गई। जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस से लेकर एयरपोर्ट तक फोरलेन निर्माण का ऐलान कर दिया। चंद दिनों पहले बनी इंटरलाकिंग को नगर निगम ने उखाड़ दिया। जिससे एक करोड़ रुपये बर्बाद हो गया।

जंगल नकहा के पार्षद राजेश यादव ने 8 मई को नगर निगम की बोर्ड बैठक में नाला निर्माण को लेकर मुख्य अभियंता से सवाल किया तो उनकी बोलती बंद हो गई। वार्ड में हीरा टोला से लेकर हनुमंत व्यायाम शाला तक करीब 300 मीटर नाला करीब 26 लाख रुपये की लागत बनाया जा रहा है। नाले से पानी निकासी का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। पार्षद ने नाला निर्माण पर खर्च 26 लाख रुपये की रकम को फिजूलखर्ची बताया है। वहीं पिछले कार्यकाल में असुरन से मेडिकल रोड पर नाला निर्माण पर एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया गया लेकिन निकासी का कोई इंतजाम नहीं हुआ। नतीजतन, हल्की बारिश में विष्णु मंदिर से लेकर बशारतपुर तक जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन रही है।