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सुनियोजित था बुलंदशहर बवाल, खतरनाक थे दंगाइयों के मंसूबे, खुफिया रिपोर्ट पर SIT कर रही जांच

  • December 7, 2018
  • 1 min read
सुनियोजित था बुलंदशहर बवाल, खतरनाक थे दंगाइयों के मंसूबे, खुफिया रिपोर्ट पर SIT कर रही जांच

खुफिया विभाग ने बुलंदशहर बवाल की शासन को रिपोर्ट भेज दी है। वहीं, बवाल के कारणों की जांच के लिए गठित एसआईटी भी खुफिया रिपोर्ट के अहम बिंदुओं को जांच में शामिल कर रही है। इसमें देखा जा रहा है कि क्या घटना सुनियोजित थी या फिर उत्तेजना और लापरवाही का नतीजा रही। ऐसे क्या कारण बने, जिसके चलते एकाएक हालात बिगड़ते चले गए थे। किस स्तर पर लापरवाही रही। बुलंदशहर बवाल की जांच के लिए आईजी मेरठ रेंज रामकुमार वर्मा के नेतृत्व में स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) गठित की गई। यह टीम कई बिंदुओं और तथ्यों को खंगाल रही है। दरअसल लोगों की भीड़ कैसे उत्तेजित हुई और इंस्पेक्टर की हत्या के कारणों की रिपोर्ट खुफिया विभाग ने शासन को भेज दी है। खुफिया विभाग की रिपोर्ट के आधार पर ही एसआईटी भी सबसे पहले यह जानकारी जुटा रही है कि बवाल के कारण आखिर क्या रहे। जांच बिंदुओं के अनुसार भीड़ अचानक से इतनी उग्र क्यों हो गई थी। स्थानीय युवक सुमित की मौत किन परिस्थितियों में हुई। पुलिस टीम पर किन कारणों से हमला हुआ।

इंस्पेक्टर स्याना सुबोध कुमार को किन हालातों में गोली लगी। इस संबंध में स्याना कोतवाली की चिंगरावठी पुलिस चौकी में तैनात पुलिस वालों के बयान भी दर्ज हुए। खुफिया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस चौकी पर हंगामा करने वाले लोग हथियार व कुल्हाड़ी लेकर पहुंचे थे। जांच बिंदुओं के अनुसार वे जबरन जाम क्यों लगाना चाहते थे। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि दंगाइयों के मंसूबे बेहद ही खतरनाक थे। आगे जानें आखिर किन बिंदुओं पर जांच करेगी एसआईटी:-
https://www.youtube.com/watch?v=YhskpPlo8WQ

इंस्पेक्टर ने दिया बहादुरी का परिचय-
आईजी रेंज मेरठ रामकुमार वर्मा का कहना है कि स्याना की चिंगरावठी पुलिस चौकी के सामने वाली सड़क से तब्लीगी इज्तिमा में शामिल लोगों की भीड़ गुजर रही थी। तभी बवालियों ने पुलिस चौकी पर धावा बोला था। बवालियों के हाथों में कुल्हाड़ी भी थी। इससे यह टकराव दूसरा रूप ले सकता था। इंस्पेक्टर ने बहादुरी का परिचय देते भीड़ का मुकाबला किया था। लोग अफवाह ज्यादा फैला रहे हैं। लोग इस पर ध्यान न दें। बुलंदशहर में माहौल बिल्कुल सामान्य है।

गोकशी को लेकर आक्रोश एकाएक क्यों भड़का-
पुलिस अधिकारियों के अनुसार गोकशी की वारदात को लेकर हिंदू संगठन और ग्रामीणों ने बवाल किया था। पुलिस अधिकारी गोमांस व उनके अवशेषों की भी जांच कराने में जुटे हैं। एसआईटी इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि क्या गोकशी की वारदात को जानबूझकर तूल दिया गया। क्या यह गोकशी तीन-चार दिन पुरानी थी। लोगों की भीड़ पुलिस चौकी पर पहुंचने के बाद क्यों उत्तेजित होकर बवाल करने लगी। लोगोें में गोकशी को लेकर इतना आक्रोश एकाएक क्यों भड़का, इन बिंदुओं की तह तक जाने के लिए पुलिस ने गांव के लोगों से भी इसकी जानकारी ली है।
https://www.youtube.com/watch?v=AEdqi2mu0vY

बवाल का मास्टरमाइंड कौन-
खुफिया विभाग व पुलिस के आला अधिकारी मानते हैं कि बुलंदशहर के बवाल के पीछे साजिश हो सकती है। अगर यह सही है तो यह पता लगाया जाएगा कि इसका जिम्मेदार कौन है। इस पहलू पर भी जांच हो रही है कि क्या बवाल का दिन सोमवार को ही किसी इरादे से तय किया गया या प्रदर्शन के दौरान पुलिस किसी संभावित टकराव को रोकना चाहती थी, जिसकी वजह से भीड़ बवाली हुई। क्या ग्रामीणों को फोन कर चौकी बुलाकर किसी ने मोहरा बनाया।

लोगों के हाथों में थी कुल्हाड़ी-
शुरुआती जांच के अनुसार जिस समय लोग गोकशी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे और जिस चौकी के सामने हंगामा हो रहा था, उसके सामने सड़क से तब्लीगी इज्तिमा से भीड़ गुजर रही थी। प्रदर्शनकारी लोगों के हाथों में कुल्हाड़ी आदि धारदार हथियार होना बताया गया। प्रदर्शनकारियों की झड़प पुलिस से हो रही थी। कहीं यह प्रदर्शन दूसरा रूप न ले ले, इसको लेकर इंस्पेक्टर को उस सड़क से प्रदर्शनकारियों को हटाने के निर्देश दिए गए थे। ऐसे में हालात बिगड़ने के क्या कारण रहे, एसआईटी इन्हीं बिंदुओं पर जांच कर रही है।
विरोध प्रदर्शन के बीच स्थानीय निवासी सुमित की मौत के कारणों को लेकर तरह-तरह की अफवाहें बुलंदशहर में आग की तरह फैली। उसके बाद खेत में पुलिस की गाड़ी में इंस्पेक्टर का शव मिलने की सूचना भी तेजी से फैली। इंस्पेक्टर की मौत होने की खबर फैलते ही बवाली शांत हो गए। माहौल एकदम बदल गया। हंगामा करने वाले दूर तक नजर नहीं आए।