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उत्तर प्रदेश राजनीति

25 साल बाद एक मंच पर होंगे मुलायम और मायावती, मैनपुरी में 19 अप्रैल को रैली

  • April 17, 2019
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25 साल बाद एक मंच पर होंगे मुलायम और मायावती, मैनपुरी में 19 अप्रैल को रैली

बसपा सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव पच्चीस साल बाद 19 अप्रैल को एक मंच पर होंगे।जी हां, 19 अप्रैल मैनपुरी की जनता के लिए यह ऐतिहासिक पल होगा जब मायावती मुलायम के लिए वोट मांगेंगी। मैनपुरी मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक कर्मस्थली रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ और मैनपुरी से चुनाव जीते थे।दरअसल 19 अप्रैल को मैनपुरी में अखिलेश यादव, मायावती, मुलायम सिंह यादव व अजित सिंह की साझा रैली होगी। वहां की जनता के लिए सबसे उत्सुकता तो सपा के मंच पर मायावती की मौजूदगी को लेकर है। देखना है कि मायावती व मुलायम जनता को व एक दूसरे को क्या संदेश देते हैं। वैसे मुलायम सिंह यादव के लिए मैनपुरी में वोट झूम कर बरसते हैं। वह लंबे वक्त से यहां से चुनाव लड़ और जीत रहे हैं। सपा अकेले लड़ती तो भी मैनपुरी को लेकर चिंतित नहीं रहती है लेकिन अब बसपा की ताकत जुड़ने से गठबंधन खासा मजबूत हो गया है।

1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड के बाद सपा-बसपा की राहें जुदा हो गईं थीं। इससे पहले यूपी की जनता ने सपा बसपा या यूं कहें कांशीराम व मुलायम की दोस्ती का भी वक्त देखा है। कैसे इटावा लोकसभा उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव ने कांशीराम की जीत सुनिश्चित की थी। कैसे मुलायम सिंह यादव व कांशीराम ने दलित, पिछड़ा व मुस्लिम समीकरण जोड़ कर ऐसा गठबंधन तैयार किया जिसने राम मंदिर आंदोलन के माहौल में भाजपा का विजय रथ सत्ता में आने से रोक दिया और खुद सरकार बना ली। 1993 में कांशीराम व मायावती ने लखनऊ के एतिहासिक बेगमहजरत महल पार्क में संयुक्त रैली की थी। इसमें भारी तादाद में जनता इन नेताओं को सुनने जुटी।यहीं से दोस्ती और पक्की हुई। पर दोस्ती का यह सफर ज्यादा वक्त नहीं चला। 2 जून 1995 को सपा बसपा की राहें ऐसी जुदा हुईं कि दोनों दलों के बीच वैमनस्यता बढ़ती गई। मगर 2019 में एक बार फिर वक्ती जरूरतों ने अपना वजूद बचाने के लिए एक साथ आने का साहसिक निर्णय किया और गठबंधन बना कर चुनाव लड़ रहे सपा बसपा ने अपने साथ रालोद को भी ले लिया।

मैनपुरी में 19 अप्रैल को प्रस्तावित सपा-बसपा-आरएलडी की साझा रैली में ढाई दशक बाद मायावती-मुलायम एक मंच पर नज़र आएंगे। लगभग ढाई दशक पहले जहां मुलायम ने सियासत में अपने बराबरी की हैसियत रखने वाले काशीराम के साथ मंच साझा की थी, 19 अप्रैल में उन्हें मायावती के साथ मंच साझा करना होगा।मतदाताओं को संदेश देने के लिए अखिलेश यादव और मायावती एक साथ प्रदेश भर में 11 रैलियां कर रहे हैं। घोषित कार्यक्रम के मुताबिक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती और आरएलडी प्रमुख चौधरी अजित सिंह की साझा रैलियों की शुरुआत 7 अप्रैल से हुई है जो 16 मई तक चलेगी। जिन स्थानों पर ये रैलियां की जाएंगी उनमें देवबंद, मैनपुरी, बदायूं, आगरा, मैनपुरी, रामपुर और अयोध्या, कन्नौज, अयोध्या, आजमगढ़, गोरखपुर, वाराणसी शामिल है।